इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में 70% से अधिक का जबर्दस्त उछाल हुआ दर्ज
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चिंता के बीच अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और राहत की बात सामने आई है। मार्च में इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में 70.28 फीसद का जबर्दस्त उछाल दर्ज किया गया। इस दौरान भारत का कुल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 34 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह सालभर पहले के 21.49 अरब डॉलर से 58.23 फीसद ज्यादा है, जो अब तक की एक महीने में सर्वाधिक उछाल है।
भारत समेत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मांग और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी की दिशा में कदम उठा रही हैं। हालिया आंकड़ों को देखते हुए उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अनुमान से पहले कोरोना पूर्व की स्थिति में पहुंच जाएगी।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि इंजीनियरिंग निर्यात में तेजी से सेक्टर की मजबूत तस्वीर दिख रही है। संक्रमण की दूसरी लहर और कारोबारी गतिविधियों में गिरावट की आशंका के बावजूद देश को मैन्यूफैक्चरिंग हब व निर्यात के मामले में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सरकार की ओर से उठाए कदमों से बेहतर नतीजों की उम्मीद है।
मार्च में कुल निर्यात में बढ़ोतरी में इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात की बड़ी भूमिका रही। भारत के कुल वस्तु निर्यात में इंजीनियरिंग उत्पादों की हिस्सेदारी करीब 25 फीसद है। यह विदेशी मुद्रा कमाने वाले कुछ सबसे बड़े सेक्टर में शुमार है। इस सेक्टर में करीब 40 लाख स्किल्ड एवं सेमी स्किल्ड लोग कार्यरत हैं।