देहरादून, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने दावा किया कि कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डा पंकज पांडे ने कहा कि राज्य में पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड, दवाएं आदि की उपलब्धता है। आक्सीजन की भी कहीं कोई कमी नहीं है। लिहाजा, चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अलबत्ता, रेमडेसिविर दवा की कमी जरूर है, मगर यह पूरे देशभर में है। इस दवा की तीन माह की डिमांड भेजी गई है। साथ ही केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर से भी संपर्क किया गया है।
सचिवालय में हुई ब्रीफिंग में डा. पांडे ने बताया कि पिछले 24 घंटों में आए 2160 नए मामलों के साथ ही प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 18864 हो गई है। इनमें से लगभग 13500 होम आइसोलेशन और शेष विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में वर्तमान में 7000 से अधिक आइसोलेशन बेड, 2500 से अधिक आक्सीजन सपोर्टेड बेड, 363 आईसीयू बेड और 463 वेंटिलेटर खाली हैं।
उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में दवाएं, एन-95 मास्क, पीपीई किट उपलब्ध हैं। राज्य में पाजिटिविटी दर भी राष्ट्रीय औसत से कम है। राष्ट्रीय औसत 5.5 फीसद है, जबकि राज्य में पाजिटिविटी दर 3.75 फीसद है।सात जिलों में 90 कंटेनमेंट जोनडा पांडे के अनुसार प्रदेश के सात जिलों में 90 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। देहरादून जिले में सर्वाधिक 44 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, जबकि नैनीताल में 26, हरिद्वार में आठ, चंपावत में पांच, पौड़ी व उत्तरकाशी में तीन-तीन और ऊधमसिंहनगर में एक कंटेनमेंट जोन है।
18 फीसद को लग चुका टीका
प्रदेश में कोरोना से बचाव को टीकाकरण भी तेजी से चल रहा है। डा.पांडे ने बताया कि अभी तक 15.95 लाख व्यक्तियों को टीका लगाया जा चुका है। 188900 व्यक्तियों को टीके की दूसरी डोज लग चुकी है, जिनमें 1.79 लाख फ्रंटलाइन वर्कर हैं। वैक्सीन की कहीं कोई कमी नहीं है। फिलवक्त तीन लाख से ज्यादा डोज उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र से हर तीन-चार दिन में वैक्सीन की डोज उपलब्ध हो रही हैं।
आक्सीजन की नहीं कोई दिक्कत
प्रभारी सचिव स्वास्थ्य के मुताबिक प्रदेश में आक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के तीनों आक्सीजन प्लांट में पर्याप्त उत्पादन हो रहा है। मांग के अनुसार यह मिल रही है। केंद्र से भी आग्रह किया गया है कि राज्य का कोटा नियमित रूप से बरकरार रखा जाए। उन्होंने बताया कि पिछले छह माह में आठ आक्सीजन जेनरेशन प्लांट में से छह चालू हो गए हैं, जबकि दो शीघ्र चालू हो जाएंगे। इसके अलावा और प्लांट लगाने की भी तैयारी है। आक्सीजन सिलेंडर भी पर्याप्त संख्या में हर जिले में उपलब्ध हैं।
रेमडेसिविर की कमी जल्द होगी दूर
डा पांडे ने माना कि राज्य में रेमडेसिविर दवा की कमी है, मगर यह पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि इस दवा के उपयोग का प्रोटोकाल होता है। इस बीच अचानक से मांग बढ़ी है, लेकिन खरीद का भी सिस्टम होता है। दवा निर्माता कंपनियों को आर्डर दे दिए गए हैं। महानिदेशक स्वास्थ्य के साथ ही मेडिकल कालेजों से आर्डर भेजे गए हैं। उप्र में स्थित सीएंडएफ में भी कुछ दिक्कत थी, जिसे दूर करने को मुख्य सचिव ने उप्र के मुख्य सचिव से वार्ता की है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों से दवा की मांग के संबंध में वार्ता की जा रही है। प्रयास ये है कि मरीजों को दवा मेडिकल स्टोर से न खरीदने पड़े, बल्कि जिस अस्पताल में उपचार चल रहा है, वहीं यह उपलब्ध होगा। अगले कुछ दिनों में रेमडेसिविर की दिक्कत दूर हो जाएगी।