धर्म/अध्यात्म

शनिदेव: भाग्यदेवता को यंत्र से करें खुश, शनि का यंत्र है अत्यंत फलदायी

शनिदेव के उपायों में तेल तिलहन का दान, रत्नों का धारण एवं मंत्र जाप प्रमुखता से आते हैं. उक्त सभी उपाय खर्चीले और श्रमसाध्य होते हैं. शनि यंत्र से शनिदेव को सहजता से प्रसन्न किया जा सकता है.
यंत्र अंकों का ऐसा चमत्कार हैं जिनसे प्रत्येक ग्रह के प्रकोप को शांत किया जा सकता है. शनिदेव का यंत्र 11 गुणा 3 के श्रृंखला योग का परिणाम होता है. इसमें 7 से लेकर 15 तक के अंक होते हैं. अर्थात् 7 8 9 10 11 12 13 14 15 की अंक सख्या होती है. इन्हें इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि एक सीध में किन्हीं भी तीन अंक को जोड़ने पर कुल योग 33 आता है. यंत्र निर्माण के लिए एक चौकोर आधार पर नौ खाने बना लें. इनमें अंकों को व्यववस्थित कर लें. इस यंत्र को चांदी, सोने अथवा भोजपत्र पर बनवा कर पूजा स्थल में रख सकते हैं. गले अथवा बांह पर धारण कर सकते हैं. इससे शनिदेव के प्रकोप से उत्पन्न अवरोध शांत होते हैं. जीवन भाग्य का संचार होता है. चहुंओर कुशलता और सुख सौख्य बढ़ता है. शनि यंत्र से धर्म आस्था विश्वास को बल मिलता है. व्यापारिक कार्याें में सहायक होता है. अधिकारों को संरक्षण मिलता है. पूजा स्थल में रखे यंत्र की नियमित पूजा की जानी चाहिए. देह पर धारण किए यंत्र को पूजा स्थल में नहीं रखना चाहिए. ये यंत्र बाजार में उपलब्ध हैं. इनका निर्माण भी कुशल कारीगर से कराया जा सकता है. शनिवार को यंत्र निर्माण एवं धारण करना श्रेष्ठ होता है. यंत्र का षोडशोपचार अथवा पंचोपचार पूजन अवश्य करें.

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