राहुल की दो टूक- नेताओं की नहीं जनता की पसंद जानकर ही बनेगी 2019 की रणनीति
साल 2014 में देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस को मिली करारी हार से उबारने की जिम्मेदारी अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कंधों पर है. इसके लिए राहुल नए सिरे से रणनीति तैयार कर रहे हैं, लेकिन 2014 की हार उनको आज भी साल रही है. इसीलिए भविष्य की रणनीति बनाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में राहुल हर बार 2014 की हार क्यों हुई ये सवाल उठाना नहीं भूलते.
दरअसल, 2019 के लिए क्या मुद्दे, क्या नारे और क्या रोडमैप लेकर जाएं, इसके लिए राहुल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं. लेकिन बैठकों में जब-जब वरिष्ठ नेताओं ने अपनी राय दी, तो राहुल ने दो-टूक कहा कि, आप लोग अपनी पसंद या अपनी राय मत बताइए, जनता क्या पसंद कर रही है, क्या चाहती है, वो बताइये. वरना ये बताइए कि 2014 में बुरी तरह क्यों हारे?
इसके बाद ही तय हुआ कि, पार्टी के नेता अब टाउन हॉल, विश्वविद्यालयों, पंचायतों, वगैरह में जाकर युवाओं, किसानों और आम जनता से छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर चर्चा करेंगे. इसके बाद जनता की पसंद और राय के मद्देनजर ही पार्टी की रणनीति, नारे और रोडमैप तैयार करेंगे.
इसके लिए शुरुआती तौर पर पार्टी की पब्लिसिटी कमेटी ने एक देशव्यापी सर्वे भी कराया है. इस सर्वे के मुताबिक, कई बातें सामने आईं हैं-
1. राफेल में भ्रष्टाचार का मुद्दा बीजेपी और प्रधानमंत्री के खिलाफ जा रहा है.
2. सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है.
3. इसके बाद नंबर पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतें और महंगाई का है.
4. दिलचस्प तथ्य है कि, इतना वक्त गुजरने के बाद अब नोटबंदी के खिलाफ जनता में नाराजगी है, जो पहले नहीं थी.
5. साथ ही किसानों की समस्याएं और दलितों की नाराजगी भी अहम मुद्दे हैं.
ऐसे में पार्टी इन मुद्दों के आधार पर तीन राज्यों में होने वाले चुनावों में रणनीति, रोडमैप और नारे तैयार करेगी. तीन राज्यों के चुनावों में प्रयोग के आधार पर ही पार्टी 2019 के लिए अपने नारे, रोडमैप और थीम सांग भी तैयार करेगी.
इस मुद्दे पर ‘आजतक’ से बातचीत में पार्टी की पब्लिसिटी कमेटी के मुखिया आनंद शर्मा का कहना है कि, हम जनता की पसंद जानने के बाद ही रणनीति बनाएंगे. 2009 में जय हो हमारा थीम सांग था, इस बार भी नए नारे होंगे और थीम सांग भी होगा. लेकिन हम इसका खुलासा दिसंबर के आखिर में करेंगे. अभी तैयारी चल रही है.