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मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य में कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में कमी एवं रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। इससे कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है।
    मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 1,268 मामले प्रकाश में आए हैं। इसी अवधि में 4,260 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 25,546 हो गयी है। इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,85,237 की कमी आयी है।
   मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में यह दर बढ़कर लगभग 97.3 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में भी कमी देखी जा रही है। राज्य में पिछले 24 घण्टों में 3,40,411 कोविड टेस्ट सम्पन्न हुए हैं। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 04 लाख 05 हजार 30 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि जनपद झांसी में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 600 से कम हो गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद झांसी में भी सप्ताह में 05 दिन सुबह 7ः00 बजे से शाम 7ः00 बजे तक आंशिक कोरोना कफ्र्यू में छूट दी जाए। साप्ताहिक तथा रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य समस्त सम्बन्धित नियम जनपद में प्रभावी रहेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेशवासियों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग के साथ ही, प्रत्येक लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति को मेडिसिन किट दी जा रही है। किसी भी लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति तक निगरानी समिति सबसे पहले पहुंचती है। इसलिए निगरानी समितियों के पास पर्याप्त संख्या में मेडिसिन किट उपलब्ध रहें।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि ब्लैक फंगस संक्रमण के सभी मरीजों को दवा की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के लिए उपलब्ध कराई गई दवाओं को अविलंब इन मरीजों का उपचार कर रहे मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों तक पहुंचाया जाए। ब्लैक फंगस के उपचार के लिए वैकल्पिक दवाओं की भी व्यवस्था कर मरीजों को उपलब्ध करायी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। ब्लैक फंगस के बारे में व्यापक जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विशेषज्ञों से पूरी जानकारी प्राप्त कर मीडिया के माध्यम से इस संक्रमण के कारणों तथा बचाव के संबंध में आमजन को जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मेडिकल काॅलेजों तथा स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों की जनरल ओ0पी0डी0 में आने वाले मरीजों की संख्या सीमित रहे। ओ0पी0डी0 में कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन किया जाए। ओ0पी0डी0 में आने वाले मरीजों के बैठने की समुचित व्यवस्था भी होनी चाहिए। विशेष परिस्थितियों में ही मरीज ओ0पी0डी0 में आएं, इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसके माध्यम से आॅनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के संबंध में विशेषज्ञों के भविष्य के आकलनों को देखते हुए राज्य में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने का कार्य प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्थित सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर की सूची तैयार कर इनके सुदृढ़ीकरण का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य बेहतर प्लानिंग तथा समयबद्ध ढंग से संपन्न हो। कार्य को गुणवत्तापरक ढंग से निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के लिए नियमित समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर के सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत इनकी रंगाई पुताई तथा स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया जाए। केन्द्र पर उपलब्ध मेडिकल उपकरणों के मेंटेनेंस का कार्य कराया जाए। स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचने के लिए बेहतर सड़क सहित वाहनों के लिए पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। केन्द्र पर पेयजल की व्यवस्था तथा विद्युत की बेहतर आपूर्ति भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध रहें। एंटीजन टेस्ट एवं वैक्सीनेशन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सांसदगण, विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण द्वारा 01-01 सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोद लेकर उसकी व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि राज्य में कोविड के उपचार हेतु बेड की संख्या में वृद्धि के साथ पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तथा नियोनेटल आई0सी0यू0 (नीकू) के निर्माण की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 70 बेड की वृद्धि हुई है। इसमें आइसोलेशन के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं। मानव संसाधन में भी लगातार वृद्धि की जा रही है। पीडियाट्रिक स्किल केयर के सम्बन्ध में 85 मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य की आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से कोरोना टेस्ट की क्षमता बढ़कर 02 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो गई है। अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में बैकअप सहित ऑक्सीजन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की रिपोर्ट सभी अस्पतालों को उपलब्ध करायी जाए, जिससे भविष्य में ऑक्सीजन का बेहतर ढंग से उपयोग किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और सुचारु ढंग से जारी रखी जाए। वैक्सीनेशन सेण्टर पर अनावश्यक भीड़-भाड़ ना हो। इसके लिए सभी वैक्सीनेशन सेण्टर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की व्यवस्था रहे। उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेण्टर पर बुलाया जाए जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है। वैक्सीनेशन सेण्टर पर कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत दिवस में राज्य में 3.5 लाख से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज एडमिनिस्टर की गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसे बढ़ाकर 04 लाख डोज प्रतिदिन किए जाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि माह जुलाई, 2021 तक 10 लाख डोज प्रतिदिन एडमिनिस्टर किए जाने के लिए बेहतर प्लानिंग के साथ तैयारी की जाए। इसके लिए कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का वेस्टेज न्यूनतम रखने के लिए भी वैक्सीनेशन में लगाए जाने वाले कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन जनपदों में आंशिक कोरोना कफ्र्यू लागू है, वहां इसका प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए। जिन जनपदों में सप्ताह के 5 दिन सुबह 7ः00 बजे से शाम 7ः00 बजे तक आंशिक कोरोना कफ्र्यू में ढील दी जा रही है, वहां भी छूट की अवधि में कोरोना गाइडलाइंस का पूर्णतया पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें। छूट की अवधि में बाजारों, सब्जी, फल मंडी आदि स्थलों पर अनावश्यक भीड़-भाड़ न होने दी जाए। पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग के साथ ही, बाजारों, मंडियों आदि स्थलों में व्यापक रूप से फुट पेट्रोलिंग भी की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। साप्ताहिक बंदी के 02 दिनों-शनिवार और रविवार को प्रदेश के सभी ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में अभियान चलाकर व्यापक रूप से स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग की कार्यवाही की जाए। सभी ग्राम पंचायतों में दिन में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का कार्य हो तथा शाम को फाॅगिंग कराई जाए। वर्षा काल में फैलने वाली विभिन्न वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम में यह कार्रवाई अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि जल जमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई कराने के साथ ही निकलने वाली सिल्ट का समुचित निस्तारण भी कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों में विद्यार्थियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत माध्यमिक शिक्षा परिषद की वर्तमान शैक्षिक सत्र की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं को कराना संभव नहीं है। 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा फल घोषित करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श कर दिशा-निर्देश तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा डी0एल0एड0 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के नवीन सत्र की प्रवेश प्रक्रिया यथासम्भव प्रारम्भ कर दी जाए। प्रवेश का पैटर्न पूर्ववत रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे निराश्रित बच्चों, जिनके माता-पिता अथवा विधिक अभिभावक का निधन कोरोना संक्रमण के कारण हो गया है, उनके पालन-पोषण व शिक्षा-दीक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ प्रारंभ की गई है। योजना के अन्तर्गत बच्चों की देखभाल के लिए अभिभावक/केयर टेकर को 04 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने, बच्चों को राजकीय बाल गृह में आवासित किये जाने, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) अथवा स्थापित किये जा रहे अटल आवासीय विद्यालयों मंे शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने सहित विभिन्न कल्याणकारी प्राविधान किये गये हैं। उन्होंने इस योजना को पूरी गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी पात्र बच्चों को योजना का लाभ सुलभ कराया जाए। राजकीय बाल गृहों की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए विभागीय मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहंे। किसानों को अपनी उपज के विक्रय में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के अंतर्गत माह जून के निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की कार्यवाही आज से प्रारंभ की गई है। उन्होंने निर्देशित किया कि निराश्रित गो-आश्रय स्थलों का व्यवस्थित ढंग से संचालन कराया जाए। गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश के लिए भूसे के साथ चोकर एवं हरे चारे की व्यवस्था भी की जाए।

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