दिल्ली : स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पड़ा भारी

पूर्वी दिल्ली के रोहतास नगर में स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को विरोध का सामना करना पड़ा. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने यहां उनका घेराव किया
और जमकर नारेबाजी की. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे की भी मांग की. मनीष सिसोदिया के घेराव के दौरान सड़क पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली.
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं और उनके समर्थकों ने स्कूल में तोड़फोड़ की. उनकी गाड़ी पर हमला किया. इतना ही नहीं, सिसोदिया ने बीजेपी पर स्कूल का गेट तोड़कर शिक्षकों और इंजीनियरों के साथ बदतमीजी करने का भी आरोप लगाया है.
बाबरपुर, करावल नगर, रोहतास नगर और गोकलपुर में नए स्कूल भवनों का निर्माण पूरे जोरशोर से चल रहा है। आज @SatyendarJain जी के साथ इन स्कूलों के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।
— Manish Sisodia (@msisodia) June 29, 2021
दिल्ली के हर बच्चे के लिए देश के सबसे अच्छे स्कूल बनाना यही केजरीवाल सरकार का सपना है। pic.twitter.com/ElWm0IEIsA
इस मामले में पुलिस के पास अबतक कोई शिकायत नहीं पहुंची है. मनीष सिसोदिया रोहतास नगर में स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी.
उन्होंने ट्वीट किया बाबरपुर, करावल नगर, रोहतास नगर और गोकलपुर में नए स्कूल भवनों का निर्माण पूरे जोरशोर से चल रहा है. आज सतेंद्र जैन जी के साथ इन स्कूलों के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. दिल्ली के हर बच्चे के लिए देश के सबसे अच्छे स्कूल बनाना यही केजरीवाल सरकार का सपना है
बाबरपुर, करावल नगर, रोहतास नगर और गोकलपुर में नए स्कूल भवनों का निर्माण पूरे जोरशोर से चल रहा है। आज @SatyendarJain जी के साथ इन स्कूलों के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।
— Manish Sisodia (@msisodia) June 29, 2021
दिल्ली के हर बच्चे के लिए देश के सबसे अच्छे स्कूल बनाना यही केजरीवाल सरकार का सपना है। pic.twitter.com/ElWm0IEIsA
इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा आज रोहतास नगर में स्कूल बनने का विरोध करते हुए बीजेपी नेताओं व गुंडों ने स्कूल में तोड़फोड़ की.
मेरी सरकारी गाड़ी को तोड़ा, स्कूल का गेट तोड़कर अंदर मौजूद महिला शिक्षकों, इंजीनियर्स और मज़दूरों के साथ बदतमीज़ी की. भाजपाइयों को स्कूल बनने, पढ़ने लिखने से इतनी चिढ़ क्यों है?