राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये कोविड-19 की महामारी के बावजूद मिशन रोजगार के तहत पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराया
राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये कोविड-19 की महामारी के बावजूद मिशन रोजगार के तहत 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्षता एवं पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराया है। यह भर्ती प्रक्रिया आरक्षण एवं विशेष आरक्षण के सुसंगत नियमों का अनुपालन करते हुए बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से सम्पन्न की गई है। कतिपय तत्वों द्वारा मीडिया के विभिन्न माध्यमों से जनपद आवंटन सूची एवं चयन की पूरी प्रक्रिया के सम्बन्ध में तथ्यहीन एवं त्रुटिपूर्ण आकड़े प्रस्तुत कर भ्रम पैदा किया जा रहा है।
यह जानकारी आज यहां देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के अन्तर्गत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से आरक्षण एवं विशेष आरक्षण के सुसंगत नियमों का अनुपालन करते हुए अभ्यर्थियों के गुणांक, जनपद की वरीयता एवं जनपदवार/श्रेणीवार रिक्त पदों पर जनपद आवंटन सूची वेबसाइट upbasiceduboard.gov.in पर प्रकाशित की गई थी। सहायक अध्यापक का पद जनपदीय संवर्ग का है। 69,000 सहायक अध्यापक की भर्ती प्रक्रिया में जनपदवार/श्रेणीवार अनारक्षित श्रेणी में 34,589, अन्य पिछड़ा वर्ग में 18,598, अनुसूचित जाति में 14,459 तथा अनुसूचित जनजाति में 1,354 पद बनते हैं।
इसके अलावा, कार्मिक विभाग उत्तर प्रदेश के शासनादेश दिनांक 28 अगस्त, 2015 एवं शासनादेश दिनांक 25 सितम्बर, 2018 द्वारा दिव्यांग श्रेणी को 4 प्रतिशत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को 02 प्रतिशत, भूतपूर्व सैनिक को 05 प्रतिशत एवं महिला को 20 प्रतिशत आरक्षण देय है। इस प्रकार कुल 31 प्रतिशत क्षैतिज (हॉरिजोन्टल) आरक्षण अनुमन्य है। चयन/जनपद आवंटन की समस्त प्रक्रिया एन0आई0सी0 द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से अनुमोदित प्रॉसेस फ्लो के माध्यम से किया गया है। विशेष आरक्षण एवं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को जनपदवार/श्रेणीवार रिक्त पदों के सापेक्ष उनके गुणांक, जनपद वरीयता के विकल्प के आधार पर जनपद आवंटन की कार्यवाही की गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि कार्मिक विभाग के शासनादेश दिनांक 29 नवम्बर, 1995 में दी गयी व्यवस्थानुसार यदि किसी अभ्यर्थी का चयन विशेष आरक्षण की श्रेणी में किया गया है तो उसकी गणना उनकी आरक्षित कोटे की रिक्तियों के प्रति भी की जाती है।
प्रवक्ता ने बताया कि एम0आर0सी0 के अन्तर्गत चयनित आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों की उनके गुणांक, श्रेणी, जनपद वरीयता के विकल्प के आधार पर सर्वप्रथम अनारक्षित श्रेणी के पदों की रिक्ति के सापेक्ष उपलब्धता देखी जाती है। यदि उनके जनपद के वरीयता के विकल्प में अनारक्षित श्रेणी में पद उपलब्ध नहीं है तो उसके आरक्षणवार वर्ग यथा- अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में रिक्त पद होने की दशा में जनपद वरीयता के विकल्प के आधार पर जनपद आवंटित किया जाता है। 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में अनन्तिम चयनित/जनपद आवंटन सूची में अनारक्षित श्रेणी के 34,589 पदों के सापेक्ष चयनित अभ्यर्थियों की संख्या 20,301 है। इसी प्रकार अन्य पिछड़ा वर्ग के अन्तर्गत आरक्षणवार निर्धारित पदों की संख्या 18,598 है। इसके सापेक्ष 31,228 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आरक्षणवार निर्धारित पद की संख्या 14,459 है। इसके सापेक्ष 17,260 चयन किये गये हैं। अनुसूचित जनजाति श्रेणी के आरक्षणवार निर्धारित 1,354 पदों के सापेक्ष 211 चयन किये गये हैं। इस श्रेणी के तहत अभ्यर्थी उपलब्ध न होने के कारण 1,143 चयन कम हुए हैं।
माननीय राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के समक्ष कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा भर्ती प्रक्रिया के सम्बन्ध में शिकायत की गयी थी। प्रकरण में माननीय राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सुनवाई की तिथियों में शासन/विभाग के अधिकारियों द्वारा उपस्थित होकर तथ्यात्मक आख्या सहित विभाग का पक्ष प्रस्तुत किया गया है। माननीय राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रकरण में किसी भी बिन्दु पर सूचना मांगे जाने पर विभाग द्वारा समुचित आख्या उपलब्ध करा दी जायेगी। कतिपय असफल अभ्यर्थी जो एन0आई0सी0 द्वारा जनपद आवंटन सूची में अपनी मेरिट के कम होने के कारण सम्मिलित नहीं है, द्वारा त्रुटिपूर्ण विवेचना कर गलत तथ्य एवं आंकड़े मीडिया के विभिन्न माध्यमों से प्रस्तुत कर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि एन0आई0सी0 द्वारा तैयार वेबसाइट पर प्रदर्शित जनपद आवंटन सूची में यह आवश्यक नहीं है कि अभ्यर्थी जिस श्रेणी का है उसकी चयन श्रेणी वहीं हो। सूची में सम्मिलित अभ्यर्थी का अपने गुणांक एवं विशेष आरक्षण के आधार पर चयन श्रेणी निर्धारित है। कतिपय असफल अभ्यर्थियों द्वारा जनपद आवंटन सूची के आधार पर भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है कि अनारक्षित श्रेणी के अन्तिम कटऑफ (गुणांक) के बाद भी अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी जनपद आवंटन सूची में सम्मिलित है जो कि सही नहीं है, क्योंकि यदि ऐसे अभ्यर्थी जनपद आवंटन सूची में प्रदर्शित हो रहे है तो यह अभ्यर्थी विशेष आरक्षण का लाभ प्राप्त अपनी श्रेणी में चयनित हुए है, जिनका गुणांक अनारक्षित श्रेणी में अन्तिम चयनित अभ्यर्थी के गुणांक से कम होने के कारण सम्मिलित है। प्रदर्शित सूची में ऐसे अभ्यर्थी भी सम्मिलित हैं जो अपनी मेरिट के आधार पर अनारक्षित श्रेणी में चयनित हुए हैं परन्तु उनके आरक्षित श्रेणी में पद उपलब्ध होने के कारण उन्हें जनपद आवंटन उनकी आरक्षित श्रेणी में किया गया है।