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कोरोना संकट को देखते हुए नहीं होंगी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा

यूपी में कांवड़ यात्रा नहीं होगी. कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. यूपी सरकार ने शनिवार को कांवड़ संघों से भी इस मुद्दे पर बातचीत की थी.

जिसके बाद कांवड़ संघों ने यात्रा न करने का निर्णय लिया था. बता दें यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा हैं जहां 19 जुलाई को इसकी अगली सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि बुधवार, 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रोहिंटन नरीमन और बी आर गवई की बेंच ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था. कोर्ट ने कहा था कि उत्तराखंड ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए यात्रा रद्द कर दी है.

लेकिन यूपी ने ऐसा नहीं किया है. राज्य सरकारों का यह रवैया लोगों को भ्रमित करने वाला है. कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने यह भी कहा था कि चूंकि यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी है. इसलिए, इस मसले पर जल्द सुनवाई ज़रूरी है.

शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की चिंता से सहमति जताते हुए कहा कि इस यात्रा को सांकेतिक रूप से चलाना बेहतर होगा. केंद्र के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा हरिद्वार से गंगाजल लेकर

कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक आना कोरोना के लिहाज से उचित नहीं होगा. बेहतर हो कि टैंकर के ज़रिए गंगाजल जगह जगह उपलब्ध करवाया जाए. हालांकि, इस बारे में फैसला राज्य सरकार को ही लेना है

इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार (13 जुलाई) को कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया था. इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना था हरिद्वार को हम कोरोना वायरस महामारी का केंद्र नहीं बनाना चाहते

और लोगों का जीवन हमारे लिए प्राथमिकता है जिससे हम खिलवाड़ नहीं कर सकते.धामी ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से बातचीत करने के बाद यह निर्णय किया गया है.

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