मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं में बैंकों द्वारा किए जा रहे वित्त पोषण की समीक्षा की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं में बैंकों द्वारा किए जा रहे वित्त पोषण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न बैंकिंग योजनाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जनपदवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए लोगों को सस्ता, आसान, सरल ऋण उपलब्ध कराया जाए। योजनाओं की व्यापकता के लिए हर तबके के लोगों से संवाद स्थापित करते हुए सभी 18 मण्डल मुख्यालयों तक वित्तीय जानकारी एवं जागरूकता के मेगा कैम्पों की संख्या बढ़ाई जाए। जनपद स्तर पर भी इसी प्रकार के अभियान चलाते हुए अधिक से अधिक लोगों को इन योजनाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक शीघ्र ही आयोजित किये जाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नोडल एजेन्सी द्वारा स्कूलों, विद्यालयों, नर्सिंग एवं फार्मेसी कॉलेजों में संवाद के कार्यक्रम आयोजित किये जाएं, जिससे प्रदेश का युवा वर्ग स्वरोजगार एवं स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना श्रमिक भाईयों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थियों तथा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के तहत चल रही योजनाओं में अधिक से अधिक ऋण वितरण की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रवासी कामगारों की स्किल मैपिंग की गयी है। इन्हें विभिन्न बैंकिंग एवं अनुदान ऋण योजनाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने संस्थागत वित्त विभाग एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (उत्तर प्रदेश) को निर्देशित करते हुए कहा कि ऋण लेकर पूंजी लगाने वाले लोगों को मार्केट से लिंक किया जाए, जिससे लोगों को अपने उत्पाद को बेचने एवं उससे लाभ प्राप्त करने में सुविधा हो सकेगी। उन्होंने स्टैण्ड अप इण्डिया योजना के लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक स्वरोजगार को बढ़ाया जा सके।
प्रदेश में बैंकों द्वारा विभिन्न योजनाओं के वित्त पोषण के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत चार वर्षाें में बैंकिंग व्यवसाय एवं वित्त पोषण में आशातीत वृद्धि हुई है। इस दौरान लगभग 43 हजार नये बैंकिंग आउटलेट्स स्थापित किये गये। ग्रामीण बैंकों की पुनर्संरचना के साथ आज प्रदेश में 03 ग्रामीण बैंकों की 4200 से अधिक शाखाएं हैं, जिनमें 1983 शाखाओं के साथ बड़ौदा यू0पी0 बैंक, गोरखपुर सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक है। प्रदेश में शत प्रतिशत वित्तीय समावेशन के साथ 7.13 करोड़ जन-धन खाते खोले गये, जो देश में अब तक सर्वाधिक हैं। विगत चार वर्षाें में ऋण जमानुपात में 05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व अटल पेंशन योजना के क्रियान्वयन में प्रथम तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में द्वितीय स्थान पर है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना द्वारा विगत चार वर्षाें में 1.95 करोड़ लोगों को सस्ता एवं आसान ऋण प्रदान किया गया है।
कोरोना कालखण्ड में रेहड़ी पटरी एवं छोटे व्यापारियों को सस्ते दर पर त्वरित ऋण उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की गयी। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जीवन एवं आजीविका को बचाने के सफल प्रयास किये गये। उत्तर प्रदेश इस योजना के अन्तर्गत पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 118 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये।
एक जनपद एक उत्पाद योजना प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है। इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के अन्तर्गत ‘ई-स्वरोजगार संगम’ द्वारा 31 हजार से अधिक इकाइयों को 2,505 करोड़ रुपए का ऋण प्रदान किया गया है। प्रदेश में जनवरी, 2021 में ‘उत्तर प्रदेश राज्य दिवस’ का आयोजन किया गया। इस दौरान 50 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों को बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की गयीं।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।