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बिहार : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि यह सबको पता है कि बिहार विधानसभा से दो बार जातीय जनगणना को लेकर सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.

बीजेपी भी समर्थन में थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का भी समय नहीं है. यह तो नीतीश कुमार ही समझें कि ऐसा क्यों हो रहा है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर देखते हैं तो और लोगों से मिलने का समय है लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार समझें

कि उन्हें क्यों नहीं समय दिया जा रहा है. वह बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलते हैं और जिस बिहार ने लोकसभा में 40 में से 39 सीट जीत कर दिया उसके लिए समय नहीं है.

उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जैसे कर्नाटक ने अपने स्तर पर जातीय जनगणना कराया है वैसे ही बिहार सरकार भी करने का एलान करे. आरजेडी की तारीफ करते हुए कहा कि हमारी पार्टी के नेताओं ने सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया.

कहा कि लालू यादव ने सड़कों पर उतरकर इसकी मांग की थी. जातिगत जनगणना होगी तो वैसे लोगों के उत्थान और उन्नति के लिए योजना बनेगी. उससे लोगों को नौकरी मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थित भी सुधरेगी.

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं इसका मतलब यह नहीं है कि हम जातिवाद कर रहे हैं. किसी भी बीमारी का इलाज करने के लिए उस बीमारी का पता करना जरूरी है तब इलाज हो पाएगा.

यह पता होना चाहिए कि कौन नाला साफ करने वाला है, कौन ठेला चलाने वाला और कौन मजदूर है. यह पता नहीं होगा तो उस हिसाब से कोई योजना नहीं बना सकते हैं. इसलिए जातीय जनगणना की जरूरत है.

कहा कि हमने भी प्रधानमंत्री को आज चिट्ठी लिखी है. उसमें सारी बात लिखी है. यह लड़ाई देश हित, राज्य हित और जनहित में है. दोनों जगह एनडीए की सरकार है. नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखे एक सप्ताह हो गया, अब तक तो समय मिल जाना चाहिए था.

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