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बिहार में बादल गरजने के साथ भारी बारिश की स्थिति अगले 24 घंटों तक रहेगी : मौसम विभाग

बिहार में समय से पहले इस बार मानसून सक्रिय होने की वजह से अबतक सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है. मौसम विभाग के अनुसार अगले 39 दिनों तक बिहार में मानसून का असर रहेगा.

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को राज्य के दक्षिणी भाग में भी अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. उत्तर बिहार के पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, किशनगंज और

अररिया जिलों के लिए चेतावनी जारी की गई. इन जिलों में बादल गरजने के साथ भारी बारिश की स्थिति अगले 24 घंटों में बनी रहेगी. साथ ही पूर्वी चंपारण, सुपौल और पूर्णिया में मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है

बता दें कि इस बार मानसून के दौरान बिहार में सबसे अधिक बारिश पश्चिम चंपारण में 1465.2 MM हुई है जबकि राज्य में सबसे कम बारिश पूर्णिया में 569.4 MM हुई है, जबकि सामान्य 919 MM है.

बता दें कि बिहार में इस बार मानसून 13 जून की बजाय एक दिन पहले 12 जून को आ गया था. तब मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया था कि अत्यधिक बारिश होगी और रिकॉर्ड टूटेगा .

मौसम विभाग ने आंकड़ा जारी करते हुए जानकारी दी है कि राज्य में 1 जून से 12 अगस्त तक 73 दिन में 741.2 MM बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो कि जो सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक है. वहीं, मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अहले 39 दिन तक मानसून सक्रिय रहा और बारिश हुई तो कई साल के रिकॉर्ड टूट सकते हैं.

मानसून सीजन की बात करें तो 1 जून से 30 सितंबर तक मानसून सीजन माना जाता है.बिहार में 741 .2 मिमी बारिश हुई है जो कि सामान्य से 19% अधिक है. वहीं पटना में सामान्य से अबतक 5% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है.

जाहिर है यह मौसम विभाग का सटीक पूर्वानुमान माना जायेगा. राज्य में अगर मानसून में बारिश की बात करें तो बिहार में 990 MM बारिश होनी चाहिए जबकि 12 अगस्त तक ही 741.2 MM बारिश हो गई है.

अब तक उत्तर बिहार में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है क्योंकि जून में उत्तर बिहार में 25 दिनों तक मानसून सक्रिय रहा. दक्षिण बिहार में मात्र 17 दिन ही मानसून की सक्रियता देखी गई.

वहीं, जुलाई में उत्तर बिहार में 15 दिन और दक्षिण बिहार में मात्र 7 दिन मानसून सक्रिय रहा. अगस्त में उत्तर बिहार में 9 दिन जबकि दक्षिण बिहार में 7 दिनों तक मानसून की सक्रियता देखी गई. 2020 में मानसून के आाखिरी चरण में सामान्य से अधिक बारिश हुई.

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