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आज वैभव लक्ष्मी व्रत जाने पूजा की विधि

आज 20 अगस्त दिन शुक्रवार है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. कई लोग शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखते हैं. माना जाता है कि वैभव लक्ष्मी का व्रत रखने

और भक्ति भाव से मां लक्ष्मी की आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है. माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है. जानिए, वैभव लक्ष्मी पूजा की विधि

वैभव लक्ष्मी के व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान किया दाता है. साफ-सुथरे कपड़े पहनकर सुबह मंदिर पर जल छिड़क कर और मां लक्ष्मी का ध्यान लगा कर व्रत का संकल्प लिया जाता है.

इसके बाद शाम को पूजा से पहले साफ-सुथरे कपड़े पहन कर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा के आसन पर बैठना होता है. इसके बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर, इस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर और श्री यंत्र रखते हैं.

तस्वीर के सामने अक्षत रखकर, उसके ऊपर जल से भरा तांबे का कलश और कलश के ऊपर कटोरी रखी जाती है. इसके बाद इस कटोरी में आभूषण या सिक्का रखा जाता है.

विधि के अनुसार श्री यंत्र का जाप करने के बाद वैभव लक्ष्मी व्रत कथा पढ़ी या सुनी जाती है. इसके बाद माता लक्ष्मी की आरती का पाठ किया जाता है. इसके बाद माता को भोग लगा कर बाद में खुद भी प्रसाद ग्रहण किया जाता है.

लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ॐओम जय लक्ष्मी माता

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता

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