हिंदू पंचांग के अनुसार आज सावन का अंतिम प्रदोष व्रत
आज 20 अगस्त है. साथ ही शुक्रवार भी है. हिंदू पंचांग के अनुसार आज सावन का अंतिम प्रदोष व्रत पड़ रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार इस दिन ही सावन मास की पूर्णिमा तिथि भी है.
आपको बता दें कि 23 अगस्त से भाद्रपद यानी भादो की शुरुआत हो जाएगी और सावन मास का समापन हो जाएगा. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को रात 8 बजकर 50 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी.
आपको बता दें कि हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक प्रदोष व्रत आयुष्मान योग और सौभाग्य योग में रखा जाता है. आज आयुष्मान योग दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
इसके बाद सौभाग्य योग शुरू होगा. प्रदोष के व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने की मान्यता है. आइए, जानते हैं आज के दिन महादेव की पूजा कैसे करनी चाहिए
आपको बता दें कि इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद साफ-सुधरे कपड़े पहनें और उसके बाद मंदिर पर गंगा जल छिड़कें. ऐसा करने के बाद दीपक प्रज्वलित करें. इसके बाद शिव जी का गंगा जल से अभिषेक करें और फूल चढ़ाएं. इसके बाद शिव परिवार की उपासना करें. शिव चालीसा और आरती का पाठ करने के बाद भगवान भोलेनाथ को मिठाई और फलों का का भोग लगाएं.
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
चन्दन मृगमद सोहें भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धरता ।
जगकर्ता जगभर्ता जग संहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥