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रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्यार का है प्रतीक

हिंदू धर्म में रक्षा बंधन का पावन पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते और प्यार का प्रतीक माना जाता है. इस दिन बहनें अपने प्यारे भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र यानी राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहन की जीवनभर रक्षा करने का वचन देते हैं.

आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल रक्षा बंधन 22 अगस्त को मनाया जा रहा है. यह पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन सबसे पहले भगवान को राखी बांधी जाती है,

जिसके बाद विधि विधान के साथ बहने अपने भाई को राखी बांधती हैं. हम आपको बताएंगे कि इस त्योहार पर किस भगवान को राखी बांधने का महत्व है.

आपको बता दें कि हिंदू धर्म में आज के दिन भगवान गणेश, भोलेनाथ, श्रीकृष्ण और राम भक्त हनुमान को राखी बांधने की परंपरा है. इसी के साथ जानिए शुभ मुहुर्त और राखी बांधने की विधि. कई जगह लोग आसपास किसी मंदिर में जा कर भगवान को राखी बांधते हैं तो कई घर में बने मंदिर में ही लड्डू गोपाल को रक्षा सूत्र बांधते हैं.

राखी बांधने का समय
सुबह 6 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 31 मिनट तक

सबसे शुभ मुहूर्त
दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शाम 4 बजकर 18 मिनट तक

भगवान को राखी बांधने के बाद भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुंह कर बैठना चाहिए और अपना सिर ढक लेना चाहिए. इसके बाद बहन कुमकुम और अक्षत से भाई का तिलक करती हैं.

इसके बाद बहनें भाई को बुरी नजरों से बचाने के लिए उसकी आरती उतारती हैं. आपको बता दें कि रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथा सुनाने के बाद बहन अपने भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधती है.

इसी के साथ इस मंत्र‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’का जाप भी किया जाता है. इसके बाद बहन भाई का मुंह मीठा कराती है और भाई अपनी लाडली बहन को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ देते हैं.

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