बिहार में पंचायत चुनाव में मतदाताओं को करना होगा नियम कानूनों का पालन
बिहार में पंचायत चुनाव कराए जाने की घोषणा के बाद से ग्रामीण इलाकों में सरगर्मी तेज हो गई है. प्रत्याशियों से लेकर मतदाताओं में भी नियम कानूनों को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है.
नामांकन प्रक्रिया से लेकर प्रचार प्रसार तक नियमों की जानकारी लेने के लिये सभी लगे हुए हैं. प्रशासन भी आने वाले चुनाव को लेकर सभी तरह की तैयारियों में जुटा है.
राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पंचायत चुनाव कराने को लेकर जारी गाइडलाइन का पालन अभ्यर्थियों को हर हाल में करना अनिवार्य होगा साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है .
राज्य निर्वाचन आयोग चुनावी मैदान में अपने भाग्य आजमाने वाले उम्मीदवारों के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी कर चुका है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारा से नहीं किया जा सकेगा.
अगर किसी की भावना आहत करने वाली बात प्रकट होगी तो संबंधित उम्मीदवार हर हाल में अयोग्य घोषित किए जाएंगे, इसके अलावा प्रचार-प्रसार में सार्वजनिक स्थलों का उपयोग कोई भी अभ्यर्थी नहीं कर सकेगा.
किसी उम्मीदवार के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर किसी तरह की टिप्पणी कोई उम्मीदवार नहीं कर सकता है. ना ही जातिगत या फिर धार्मिक भावना को ठेस करने वाला बयान देगा. ऐसा करने वाले अभ्यर्थियों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई तय है.
पंचायत चुनाव में पोस्टर बैनर लगाने की छूट तो दी गई है, लेकिन इसके लिए कई मांगों को पूरा करना भी अनिवार्य होगा. पोस्टर बैनर बनवाने से पहले जिला निर्वाचन पदाधिकारी से अनुमति लेना जरूरी होगा.
अगर जिले के बाहर या दूसरे राज्य में पोस्टर या बैनर कोई उम्मीदवार बनाता है तो उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी, जहां पोस्टर बैनर जिले के अंदर अगर कोई उम्मीदवार बनवा रहा है तो प्रिंटिंग प्रेस का नाम और उस पर खर्च का विवरण देने के साथ ही संख्या भी अंकित करना जरूरी होगा.
अगर कोई उम्मीदवार नुक्कड़ सभा आयोजित करवाता है तो इसकी पूर्व अनुमति लेनी होगी, साथ ही किसी दूसरे के मकान पर बिना सहमति के पोस्टर बैनर कोई भी उम्मीदवार नहीं लगा सकेगा.
इसके लिए प्रखंड निर्वाचन से उसे अनुमति लेनी होगी.चुनाव प्रचार प्रसार इस बार 48 घंटे पहले ही बंद कर देना होगा. प्रत्याशी अपने आवास और कार्यालय पर प्रचार वाहन या चुनाव प्रचार करने के लिए पोस्टर बैनर आदि का उपयोग कर सकते हैं.
प्रत्याशी चुनाव प्रचार करने के लिए अपना कार्यालय भी खुद खोल सकते हैं लेकिन इसकी सूचना उन्हें जिला निर्वाची पदाधिकारी को देनी होगी और यह स्पष्ट करना होगा कि चुनाव कार्यालय कहां पर अवस्थित है.