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हिमाचल प्रदेश में बारिश का सितम कई जगह हुआ भूस्खलन कई सड़क बंद

हिमाचल प्रदेश में बारिश का सितम जारी है. रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है. मंगलवार की सुबह की शुरुआत भी बारिश से हुई है. लगातार हल्की और तेज बारिश हो रही है.

मौसम विभाग ने 29 अगस्त तक मौसम खराब रहने के आसार जताए हैं. इससे पहले सोमवार को प्रदेश के कई इलाकों में धूप खिली रही. वहीं, शिमला के विकासनगर में पेड़ गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई.

राजधानी में कई जगह भूस्खलन हुआ है. शिमला के हीरानगर जतोग सड़क पर हथनीधार के पास भूस्खलन होने से संपर्क सड़क बंद हो गई थी. लोक निर्माण विभाग के अनुसार

पूर्व विधायक बलदेव शर्मा के घर के सामने एक व्यक्ति भवन निर्माण के लिए खुदाई कर रहा था. बारिश और कटिंग के कारण पहाड़ी से बड़ी चट्टान समेत मलबा सड़क पर आ गया.

चंबा-होली मार्ग पर गरोला के समीप रविवार रात करीब दो बजे पहाड़ दरक गया और सोमवार दोपहर दो बजे तक यातायात ठप रहा. यात्रियों को करीब 12 घंटे परेशानी हुई और सारी रात अपनी गाड़ियों में ही काटनी पड़ी.

कालका-शिमला एनएच-5 पर सोमवार सुबह 7 बजे फिर धर्मपुर के समीप सड़क पर पत्थर गिरे. भूस्खलन होता देख अचानक वाहनों की ब्रेक लगने से दो गाड़ियां आपस में टकरा गईं.

सोमवार को ऊना में अधिकतम तापमान 35.4, भुंतर 33.1, बिलासपुर 32.5, नाहन-सुंदरनगर 31.8, हमीरपुर 31.6, कांगड़ा 31.7, चंबा 31.3, सोलन 30.5, धर्मशाला 28.4, केलांग 24.2, कल्पा 23.1, शिमला 22.6 और डलहौजी में 20.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ.

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 13 जून से 22 अगस्त के बीच प्रदेश में 302 लोगों की मौत हुई. 11 लोग अब भी लापता हैं.

किन्नौर जिले में दो बार पहाड़ से मौत बरसी है. संपत्ति को भी खासा नुकसान हुआ है. अब तक के आकलन के अनुसार प्रदेश में करीब 800 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है.

राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने इसकी पुष्टि की है. इस दौरान 578 मवेशियों की मौत हुई है. 44 पक्के और 91 कच्चे मकान जमींदोज हुए हैं. 302 में से 142 लोग सड़क पर हुए हादसों में मारे गए हैं.

भूस्खलन से 51 और बाढ़ में 10 लोगों की मौत हुई है. 28 लोग ऐसे हैं, जिनकी डूबने से मौत हुई है. भूस्खलन से अकेले किन्नौर जिले में अब तक 37 लोगों की मौत हुई है.

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