उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सेशन के चौथे दिन हंगामें के बीच ये तीन बिल हुए पास
उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सेशन के चौथे दिन सड़क से लेकर सदन तक खूब हंगामा हुआ. सदन में महंगाई और स्वास्थ्य जैसे मुददों को लेकर पक्ष- विपक्ष में तर्क- वितर्क हुआ. विपक्ष ने वॉक आउट किया तो सरकार उसकी गैरमौजूदगी में तीन बिल भी पास करा ले गई.
गुरूवार को सदन के पटल पर कैग की रिपोर्ट भी रखी गई. गुरूवार को नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत कांग्रेस के विधायक साईकिल से विधानसभा पहुंचे. मुद्दा था पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ प्रदर्शन का.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने महंगाई के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की. स्पीकर ने इसे नियम 58 में सुनने की व्यवस्था दी. ऐसे में प्रश्नकाल शुरू हुआ तो विधायक उमेश शर्मा काऊ ने सीवर लाइन रिस्पना नदी के किनारे बिछाने
के बजाए नदी के बीचों बीच बिछा देने का मामला उठाया. विधायक ने कहा कि भविष्य में सीवर लाइन में नदी का पानी घुसने से निचले क्षेत्रों में बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इस पर पेयजल मंत्री ने जानकारी दी कि मामला उनके संज्ञान में भी आया है, इसके लिए एक जांच समिति गठित कर दी गई है.
विधायक प्रीतम पंवार के सवाल पर हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि कोविड काल में उत्तराखंड में सात हजार 377 मौतें हुई. उन्होंने कहा कि कोविड से मृत्यु पर मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है.
वहीं, करन माहरा ने आशा वर्कर्स की समस्याओं को उठाया. माहरा ने कहा कि आशाएं बिषम परिस्थितियों में काम करती हैं. उनका बीमा कवर के साथ- साथ मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए.
सरकार ने जवाब दिया कि आशाओं के प्रति वह भी संवेदनशील है. सभी राज्यों में अपनाई जा रही नीति का अध्ययन कराया जा रहा है. जो उचित होगा, वो किया जाएगा. इसके बाद सदन में हंगामा हो गया.लहंगामा शुरू हुआ 2015 में हरिद्वार के भगवानपुर में स्वीकृत किए गए मेडिकल कॉलेज को लेकर.
दरअसल, ममता राकेश ने जानना चाहा कि हरिद्वार की उनके विधानसभा क्षेत्र भगवानपुर में खुलने वाले इस मेडिकल कॉलेज का क्या हुआ. सरकार की ओर से जवाब आया कि अगर 2015 में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत था, तो फिर 2017 में जब तक उनकी सरकार रही कॉलेज क्यों नहीं खोला गया.
हेल्थ मिनिस्टर का कहना था कि हरिद्वार में शीघ्र ही केंद्र सरकार के सहयोग से मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया जाएगा. लेकिन, क्या यह भगवानपुर में होगा. इस पर सरकार की ओर से सीधे कोई जवाब नहीं आया.
हेल्थ मिनिस्टर धन सिंह रावत का कहना था कि 2014-15 में समाज कल्याण विभाग के तहत मेडिकल कॉलेज की जो घोषणा हुई थी, उसका कोई आधार नहीं था.
मेडिकल कॉलेज हेल्थ डिपार्टमेंट का मामला है. सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष हंगामें के साथ वेल में आया, तो स्पीकर ने कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
वहीं, सेकिंड हाफ में विपक्ष महंगाई पर चर्चा का प्रस्ताव लाया. विपक्ष ने कहा कि कि सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने में नाकामयाब साबित हुई, जिससे आम आदमी का जीना दूभर हो गया है. सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने जवाब दिया.
भगत ने कांग्रेस शासित राज्यों के तुलनात्मक आंकड़े रखते हुए कहा कि उत्तराखंड में महंगाई नियंत्रण में है. सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से वाक आउट कर दिया.
संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत का कहना था कि महंगाई पर विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी, इसलिए उसने सदन से वाकआउट किया. सदन में प्रदेश के स्लम एरियाज को 2024 तक अतिक्रमण हटाने
की कार्यवाही से मुक्त रखने समेत तीन विधेयक भी पास किए गए. जब ये विधेयक पास हो रहे थे तब विपक्ष वॉक आउट पर था. सरकार विपक्ष की गैरमौजूदगी में बिना चर्चा तीनों विधेयक पास करा ले गई