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कोरोना की आशंकित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों का लिया जायजा

कोरोना की तीसरी आशंकित लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों को परखने के लिए यूपी में शुक्रवार को तमाम जगहों पर मॉक ड्रिल किया गया.

यूपी सरकार द्वारा नामित किए गए नोडल अफसर के साथ ही डब्लूएचओ की टीम ने संगम नगरी प्रयागराज में भी तकरीबन आधा दर्जन अस्पतालों का बारीकी से निरीक्षण कर वहां की तैयारियों का जायजा लिया.

इस दौरान डमी मरीजों पर उपकरणों का प्रयोग कर यह समझने की कोशिश की गईं कि जरूरत पड़ने पर वह ठीक से काम करेंगे या नहीं. इसके साथ ही बच्चों के लिए खास तौर पर तैयार किए गए पीकू और नीकू वार्डों में ड्यूटी करने वाले मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग के बारे में जानकारी ली गई.

सरकार ने प्रयागराज में डीजीएमई यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजूकेशन में तैनात डॉ. शिशिर को नोडल अफसर नामित किया था. वह डब्लूएचओ और सीएमओ द्वारा नामित अफसर की टीम के साथ सबसे पहले मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज द्वारा संचालित एसआरएन अस्पताल पहुंचे.

टीम ने यहां तकरीबन तीन घंटे तक तैयारियों को परखा. टीम के सदस्य एक-एक वार्ड में गए. तमाम उपकरणों को रन कराकर देखा. मेडिकल स्टाफ से उनकी तैयारियों और ट्रेनिंग के बारे में जानकारी ली. डमी मरीजों पर मॉक ड्रिल भी कराया.

टीम को यहां सब कुछ ठीक ही मिला. इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार लोगों को कुछ हिदायतें जरूर दी गई. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. मुकेश वीर और हॉस्पिटल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. गौतम त्रिपाठी भी खास तौर पर मौजूद थे.

टीम ने शहर और ग्रामीण इलाके के तीन-तीन अस्पतालों में की गई तैयारियों को देखा. एसआरएन अस्पताल में कोरोना की तीसरी आशंकित लहर के मद्देनजर बच्चों के लिए सौ वार्ड बनाए गए हैं.

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