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दिल्ली में लगातार दूसरे दिन जमकर बारिश हर तरफ हुआ पानी पानी

दिल्ली में लगातार दूसरे दिन भी जमकर बारिश हुई. मौसम विभाग के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 12 वर्षों में सितंबर में एक दिन में सबसे अधिक बारिश आज हुई. शहर में मौसम केंद्रों ने बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक 24 घंटों में 112.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की.

शहर में बुधवार को सुबह भारी बारिश होने से निचले इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया और कई हिस्सों में यातायात बाधित हो गया.भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में हर साल सितंबर में औसतन 125.1 मिमी बारिश होती है.

इसका मतलब है कि दिल्ली में इस महीने के पहले दिन ही, पूरे महीने की 90 फीसदी बारिश हो गई.निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष महेश पालावत ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून की प्रवृत्ति बदल रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार से पांच साल में बारिश के दिनों की संख्या कम हो गयी है और खराब मौसम की घटनाओं में वृद्धि हुई है. हम बारिश के छोटे और तीव्र दौर की रिकॉर्डिंग करते रहे हैं, कई बार सिर्फ 24 घंटों में करीब 100 मिमी बारिश होती है.

पहले इतनी बारिश 10 से 15 दिनों में होती थी.’’दिल्ली में मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर ढाई बजे तक महज छह घंटों में 84 मिमी बारिश हुई जिससे सड़कों पर जलभराव हो गया और आईटीओ, आईपी एस्टेट पुल के पास रिंग रोड,

धौला कुआं और रोहतक रोड पर भारी यातायात जाम लग गया.आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सात सितंबर से बारिश का एक और दौर शुरू होने की संभावना है.’’ दिल्ली यातायात पुलिस ने भारी जलभराव के कारण प्रताप नगर की ओर जाने वाले आजाद मार्केट सबवे पर यातायात बाधित होने के चलते परामर्श जारी किया है.

उसने कहा कि जलभराव के कारण जखीरा अंडरपास भी बंद है.मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि तेज बारिश से भूजल स्तर बढ़ने में मदद नहीं मिलती और इससे निचले इलाकों में जलभराव हो जाता है.

पालावत ने कहा कि अगर चार से पांच दिनों तक धीमी-धीमी बारिश होती है तो पानी रिसकर जमीन तक पहुंचता है. भारी बारिश होने पर, पानी तेजी से बह जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘बारिश से प्रदूषण दूर हो जाता है

लेकिन बारिश के दिनों की संख्या कम होने से औसत वार्षिक वायु गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है.भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि अगस्त माह के दौरान सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी

लेकिन देश में सितम्बर में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है.आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को बताया कि सितम्बर में मध्य भारत के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.

मानसून की कमी अब नौ प्रतिशत रह गई है और सितम्बर के दौरान अच्छी वर्षा होने से इसमें और कमी आ सकती है. उन्होंने कहा कि अगस्त से पहले, जून में भी सात प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी.

आईएमडी ने महीने के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि देश में अगस्त में सामान्य से 24 प्रतिशत कम बारिश हुई, लेकिन सितम्बर में बारिश सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है. महापात्र ने यह भी कहा कि उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत तथा दक्षिण भारत के दक्षिणी हिस्सों में सामान्य या उससे कम बारिश होने का अनुमान है.

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