LIVE TVMain Slideदेशधर्म/अध्यात्म

भगवान ब्रह्मा की पूजा-आराधना करने से मिलता है विशेष पुण्य

सप्ताह के सातों दिनों का धार्मिक रुप से काफी महत्व है. हर दिन किसी न किसी देवता का प्रिय है. दिन विशेष पर उन देवता की पूजा-आराधना करने पर विशेष पुण्य लाभ मिलता है. सप्ताह का चौथा दिन यानि गुरुवार (बृहस्पतिवार) को भगवान ब्रह्मा और बृहस्पति का दिन माना गया है.

गुरुवार की प्रकृति क्षिप्र है. इस दिन व्रत रखने पर शारीरिक कष्ट दूर होने के साथ ही मानसिक शांति का भई अनुभव होता है. आखिर किसे करना चाहिए यह व्रत आइए जानते हैं.

– आपकी कुंडली में अगर 6वें, 8वें या फिर 10वें भाग में गुरु है तो गुरुवार का व्रत रखना चाहिए.
– अगर किसी की कुंडली में गुरु अपने शत्रु ग्रह में बैठा हुआ है तो ऐसे लोगों को भी गुरुवार का व्रत करना चाहिए. गुरु के शुक्र और बुध ग्रह शत्रु हैं, वहीं शनि और राहु इसके सम ग्रह माने जाते हैं.
– आपकी राशि अगर मीन और धनु है तो भी आपको गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. ये आपके लिए लाभकारी होगा.
– आपके विवाह में अगर कठनाई आ रही है या वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं गुजर रहा है तो गुरुवार का व्रत करें. आपकी कुंडली में अल्पायु योग भी बन रहा हो या जीवन रेखा कमजोर हो तो भी ये व्रत करना चाहिए.
– जीवन में अगर हर मोड़ पर असफलता ही हाथ लग रही है. किसी भी प्रकार का सुख प्राप्त नहीं हो रहा है तो गूरुवार का कठिन व्रत करना चाहिए.
– मनोकामना पूर्ण हो इसलिए कम से कम 11 गुरुवार का उपवास करना ही चाहिए.

गुरुवार के दिन सफेद चंदन, हल्दी या फिर गोरोचन का तिलक लगाना चाहिए. किसी भी बुरी आदत को छोड़ने के लिए यह दिन अति उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि ये दिन देवी-देवताओं और उनके गुरु बृहस्पति का दिन है इस दिन पापों का प्रायश्चित करने से पाप नष्ट होते हैं. इस दिन घर में धूप देने से गृह क्लेश, अनिद्रा और तनाव में लाभ मिलता है.

Related Articles

Back to top button