राजधानी जयपुर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अब शहर की सड़कों को बनाएंगे डस्ट फ्री
राजधानी जयपुर में बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगमों ने कई कार्यों की शुरूआत की हैं. इसके तहत शहर की सड़कों को धूल मुक्त करने से लेकर हरियाली विकसित करने समेत कई काम किये जाएंगे.
इन सब कार्यों पर हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम करीब 82 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च करने जा रहा है. 15 वें वित्त आयोग के अनुदान के तहत मिलियन प्लस शहर जयपुर में वायु प्रदूषण निवारण के उद्देश्य से हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम ने 82 करोड़ 50 लाख रुपये की कार्य योजना तैयार की है. इसके लिये विभिन्न मदों में राशि भी आवंटित कर दी गई है.
पिंकसिटी में बढ़ती जनसंख्या के कारण उसका दायरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके साथ-साथ बढ़ रही कई समस्याओं में एक बड़ी समस्या वायु प्रदूषण की भी है.
लिहाजा अब इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिये गुलाबी नगरी के हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम ने नये प्रोजेक्ट की शुरूआत की है. इसके तहत सड़क पर उड़ने वाली धूल को समाप्त किया जायेगा.
खुले क्षेत्रो में ग्रीनरी और ग्रीन जोन विकसित करने पर करीब 22 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. वहीं खुले क्षेत्रों में फर्श, सड़कों की मरम्मत, पार्किंग स्थलों में फर्श की मरम्मत और प्रमुख ट्रैफिक चौराहों पर पानी के छिड़काव के लिए संयंत्र की स्थापना पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
– तकनीकी रूप से ग्रीन बेल्ट डिजाइन कर डंप साइट्स की लाइनिंग करने पर 2 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
– वाहन उत्सर्जन नियंत्रण के तहत सुगम और गढ्ढों से मुक्त सडकों के काम पर करीब 5 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
– चिन्हित हॉट स्पॉट के लिए एंटी स्मॉग गम की खरीद पर 1 करोड़ रुपये खर्चे जायेंगे।
– SWM व्हीकल्स की रिपेयरिंग और मेन्टेनेन्स पर 1 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होंगे.
– कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन एक्टीविटिज से होने वाले वायु प्रदूषण पर नियंत्रण किया जायेगा.
– इसके लिये जरूरी सामान खरीदने और वेस्ट का डंपिंग साइट तक परिवहन पर 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
– कंपोस्टिंग पिट्स और होर्टिकल्चर वेस्ट कंपोस्ट प्लांट के निर्माण पर 2 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
– स्ट्रीट रिडिजाइन पर 2 करोड़, पार्किंग मैनेजमेंट कंट्रोल पर 50 लाख और लोगों को जागरूक करने के लिए IEC एक्टिविटिज पर 50 लाख रुपये खर्च किये जाएंगे.
नगर निगम हैरिटेज के आयुक्त अवधेश मीणा कहते हैं कि सड़कों को डस्ट फ्री करने और वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए निगम काम कर रहे हैं. शहर में प्लांटेशन भी किया जा रहा है.
कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट का प्लांट भी अगले 6 माह में तैयार हो जाएगा. इसके लिये एक कंपनी के साथ कांट्रेक्ट किया गया है. वो ही शहर की सड़कों से कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट भी उठाएगी.