राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान पंजशीर प्रांत पर भी कब्जा करने का किया दावा
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करने के 21 दिन बाद अब तालिबान ने पंजशीर प्रांत को भी जीतने का दावा किया है. अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ये दावा किया है.
अभी तक पंजशीर में नेशल रेजिस्टेंस फ्रंट के नेता अहमद मसूद का कब्जा था. पंजशीर को लेकर तालिबान और नेशल रेजिस्टेंस फ्रंट के बीच काफी समय तक जंग चली, जिसमें दोनों तरफ से सैकड़ों लोग मारे गए.
प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “पंजशीर प्रांत पूरी तरह से जीत लिया गया है. सर्वशक्तिमान ईश्वर की मदद से पंजशीर प्रांत पूरी तरह से जीत लिया गया और इस्लामी अमीरात के नियंत्रण में आ गया.
पंजशीर में, कई विद्रोही गिरोह के सदस्यों को पीटा गया, बाकी भाग गए. हम पंजशीर के माननीय लोगों को पूरा आश्वासन देते हैं कि उनके साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा, वे सभी हमारे भाई हैं और हम एक देश और एक समान लक्ष्य की सेवा करेंगे.
इस हालिया जीत और प्रयासों से, हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के भंवर से बाहर आ गया है. हमारे लोग स्वतंत्रता और समृद्धि के माहौल में एक शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जी सकेंगे.”
इससे पहले पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ रहे अफगान प्रतिरोध समूह के नेता ने कहा था कि वह शांति वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
अहमद मसूद ने कहा कि वह उस योजना का समर्थन करते हैं, जिसे धार्मिक मौलवियों ने बातचीत के लिए सामने रखा है. उन्होंने साथ ही तालिबान से अपने हमले को समाप्त करने का आह्वान किया.
पंजशीर में तालिबान को कड़ी टक्कर दे रहे नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का कमांडर और NRF के प्रवक्ता फहीम दश्ती की तालिबान से जंग में मौत हो गई है. इस बात की जानकारी खुद NRF को तरफ से औपचारिक तौर पर दी गई. फहीम दश्ती के साथ ही पंजशीर के एक और ताकतवर जनरल अब्दुल वदोद जारा की भी मौत हो गई.
फहीम दश्ती को NRF नेता अहमद मसूद का बेहद भरोसेमंद और करीबी था. यही नहीं, वो अहमद मसूद के पिता अहमद शाह मसूद का भी करीबी था और 9/11 हमले से दो दिन पहले जिस आतंकी हमले में अहमद शाह मसूद मारा गए थे, फहीम दश्ती उस वक़्त वहीं मौजूद था और उस हमले में वो 90 फीसदी जल गया था. फहीम दश्ती की मौत NRF के लिए बहुत बड़ा झटका है.