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जबिउल्लाह मुजाहिद ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना से जुड़ने की इच्छा की जाहिर

अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान ने भारत के खिलाफ चाल चलना शुरू कर दिया है. तालिबान ने चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना में अफगानिस्तान को भी शामिल करने की इच्छा जताई है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने के कारण भारत इस परियोजना को लेकर अपना विरोध दर्ज कराता रहा है.

दरअसल तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना से जुड़ने की इच्छा जाहिर की है. पाकिस्तान के समा न्यूज़ चैनल के मुताबिक, तालिबानी प्रवक्ता ने यह भी बताया कि आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ी

इस्लामाबाद की चिंताओं को भी दूर करेगा. मुजाहिद ने यह भी पुष्टि की कि आने वाले दिनों में यह पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और तालिबान के वरिष्ठ नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के बीच बैठक होने वाली है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिनजियांग प्रांत से जोड़ने के लिए सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट और रोड इनिशिएटिव का हिस्‍सा है.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने के कारण भारत सीपीईसी परियोजना को लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराता रहा है. 60 अरब डालर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजना की सुरक्षा के लिए चीन पूरी तरह पाकिस्तान पर निर्भर है.

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