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अमेरिका से लखनऊ लौटे एक यात्री में कोरोना की पुष्टि से मचा हड़कंप

अमेरिका से लखनऊ लौटे एक यात्री में कोरोना की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हलचल मच गई। यात्री का नमूना लेकर जीन सीक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू भेज दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीज के संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच कराई जा रही है।

यात्री एक सितंबर को अमेरिका से दिल्ली एयरपोर्ट उतरा। फिर सड़क मार्ग से लखनऊ के आलमबाग अपने घर पहुंचे। इसके बाद यात्री को बुखार, सर्दी-जुकाम होने पर जांच कराई गई, जिसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई।

कोविड कमांड सेंटर को मरीज ने अमेरिका से लौटने की जानकारी दी। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मरीज के परिवारिक सदस्यों के नमूने भी जांचे गए। मगर उनमें से किसी में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उस विमान के अधिकारियों को सूचना पहुंचा दी, जिससे वह यात्री दिल्ली आया था। अब विमान अधिकारियों में भी हलचल मच गई है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि 15 दिन बाद मरीज के संपर्क में आए लोगों की दोबारा जांच कराई जाएगी। फिलहाल मरीज का नमूना जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजवा दिया गया है।

इसकी रिपोर्ट आने में कम से कम 15 दिन का वक्त लगेगा। इससे यह तय हो सकेगा कि मरीज को कोरोना का कौन सा वैरिएंट है। एहतियात के तौर पर उन सभी को घर से अगले दो हफ्ते तक बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।

विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर केजीएमयू में सतत चिकित्सा शिक्षण कार्यक्रम का आयोजन फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि केजीएमयू में प्रोफेसर आफ सर्जरी एवं

फैकल्टी आफ पैरामेडिकल साइंसेस के डीन डा. विनोद जैन ने बताया कि किसी काम को करने के दो स्तर होते हैं। पहला मानसिक स्तर, जिसमें हम कार्य व उसकी क्रियाविधि को समझते हैं

तथा दूसरा क्रियात्मक स्तर, जिसमें उस कार्य का क्रियान्वयन और अभ्यास किया जाता है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट ने दोनों स्तर पर सराहनीय काम किया।

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