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झूठा निकला वैज्ञानिक पर जासूसी का आरोप, केरल सरकार ने दिया 50 लाख का मुआवज़ा

 केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक नम्बि नारायणन को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये का चेक प्रस्तुत किया है. नम्बि नारायणन को 1994 में कथित तौर पर जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले सर्वोच्च न्यायलय ने केरल सरकार को निर्देशित किया था कि वो अपीलकर्ता को मुआवज़े के तौर पर 50 लाख का भुगतान करे, जिसका अनुपालन करते हुए केरल सरकार ने नम्बि को चेक प्रस्तुत किया है.

वैज्ञानिक नम्बि पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप लगाए थे, उनपर इलज़ाम था कि उन्होंने पाकिस्तान को महत्वपूर्ण भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के रहस्यों को बेचे थे. लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उनपर लगाए गए जासूसी के आरोपों को ख़ारिज कर दिया, साथ ही उनकी गिरफ़्तारी को भी गैर जरुरी बताते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया, साथ ही केरल सरकार को उन्हें मुआवज़े के तौर पर 50 लाख रुपए भी देने के निर्देश दिए.

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशीय खंडपीठ ने नारायणन की गिरफ्तारी में केरल पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीके जैन की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की भी घोषणा की है. 

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