मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूब की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दोस्ती का हवाला देते हुए उनकी जमकर तारीफ की. मौका था राजस्थान के चार मेडिकल कॉलेजों के शिलान्यास समारोह का.
इसमें जिस अंदाज में मोदी ने तारीफ की उसकी सियासी हलकों में चर्चाएं हैं. वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब मोदी ने गहलोत की तारीफ की हो. इससे पहले कोरोनाकाल में गहलोत के फैसलों की पीएम मोदी खुलकर तारीफ कर चुके हैं.
गुरुवार को मोदी ने कहा- अशोक जी को जो मुझ पर भरोसा है, उसी के कारण उन्होंने दिल खोलकर बहुत सी बातें रखी हैंं. गहलोत की विचारधारा अलग है, पार्टी अलग है लेकिन इसके बावजूद उन्हें मुझ पर भरोसा है. ये दोस्ती, ये विश्वास, ये भरोसा….लोकतंत्र की बड़ी जीत है.”
मोदी और गहलोत पहले भी गर्मजोशी से मिलते रहे हैं. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की बुरी तरह हार के बाद वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनीं थीं. 13 दिसंबर 2013 को वसुंधरा राजे के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री के तौर पर गहलोत शामिल हुए.
नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे. शपथ ग्रहण समारोह में गहलोत से मोदी बेहद गर्मजोशी से मिले. मोदी ने जिस अंदाज और गर्मजोशी से गहलोत को गले लगाया था उसकी खूब चर्चा हुई थी. अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद फरवरी 2019 में पीएम मोदी से मिलने गए थे.
पीएम मोदी ने राजस्थान के चार मेडिकल कालेज और सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी का शिलान्यास किया. चार मेडिकल कालेज दौसा, सिरोही, बांसवाड़ा और हनुमानगढ़ में खुलेंगे.
इनमें 200 सीटें होंगी. 170 प्रदेश के स्टुडेंट के लिए रिजर्व रहेंगी. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि बाड़मेर रिफाइनरी के साथ पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की मंजूरी, जोधपुर के बोरानाड़ा में मेडिकल डिवाइस पार्क? कोटा में बल्क फार्मा इन्टैक्ट पार्क के लिए अलॉटमेंट की मांगें रखीं.
पीएम मोदी ने जिस अंदाज में गहलोत की तारीफ की, उस पर सोशल मीडिया पर कई राजनीतिक जानकार और यूजर्स रोचक टिप्पणियां कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कैप्टन अमरिंदर की तारीफ का हवाला
देकर यूजर्स ने लिखा- मार्च 2018 में ऐसे ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की जमकर तारीफ की थी. उन्हें स्वतंत्र फौजी बताया था. आज देख लीजिए क्या हो रहा है? इस तारीफ के बाद कहीं गहलोत भी कैप्टन तो नहीं बन जाएंगे?
मोदी और गहलोत के अलावा बड़े नेताओं के आपसी रिश्ते बहुत सहज रहते आए हैं। राजस्थान की राजनीति में दिवंगत नेताओं भैरोसिंह शेखावत, मोहनलाल सुखाड़िया, परसराम मदेरणा, खेतसिंह राठौड़,
रामदास अग्रवाल जैसे दिग्गज नेताओं के राजनीति से इतर रिश्तों को निभाने की चर्चा अब भी होती है. भैरोसिंह के लिए कहा जाता है कि दूसरी पार्टियों के बड़े नेताओं से दोस्ती के कारण कई सीटें तक हारी, लेकिन रिश्ते निभाए.