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जनता दर्शन से गैरहाजिर अफसरों पर होगी कार्यवाही: सीएम योगी

बनारसी टेक्सटाइल और सोनभद्र के कारपेट को मिली नई उड़ान

वैश्विक स्तर पर बनारसी सिल्क और सोनभद्र के कारपेट को जल्द नई पहचान मिलने वाली है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से वाराणसी में हाईटेक सिल्क, वीविंग एंड डिजाइन क्लस्टर, सोनभद्र के घोरावल में कारपेट और दरी क्लस्टर के लिए कॉमन फैसेलिटी सेंटर (सीएफसी) की मंजूरी दी गई है। दोनों सीएफसी की स्थापना के राज्य सरकार की ओर से राज्यांश जारी कर दिया गया है। इससे बुनकरों और कारीगरों सहित कारोबारियों को अपने उत्पादों के वैल्यू एडिशन का लाभ मिलेगा, जिससे बनारसी सिल्क और सिल्क स्कार्फ, कारपेट और दरी सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार में भी डिमांड बढ़ेगी।

        वाराणसी और सोनभद्र में सीएफसी की स्थापना से कारीगरों को एक ही स्थान पर मार्केटिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंग लैब, रॉ मटेरियल बैंक आदि की उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं न्यूनतम दरों पर मिलेंगीं। इससे उनके उत्पादों में और निखार आएगा, जिससे बनारसी टेक्सटाइल, कारपेट और दरी सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही घरेलू बाजार में भी डिमांड बढ़ेगी। वाराणसी में टेक्सटाइल क्लस्टर के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट पर कुल 13 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने एक करोड़ 21 लाख 53 हजार रुपए जारी भी कर दिए हैं। ऐसे ही सोनभद्र जिले के घोरावल में कारपेट और दरी क्लस्टर में केंद्र सरकार का अनुदान 540.54 लाख रुपए और राज्य सरकार का अनुदान 77.22 लाख रुपए है। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति देते हुए 31 लाख रुपए जारी कर दिए हैं। इससे कारपेट, दरी के कारीगरों को कच्चा माल और तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कारपेट, दरी सहित अन्य उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके अलावा उत्पादों की मार्केटिंग से रोजगार सृजन के साथ कारपेट कारीगरों की आय में भी वृद्धि होगी।

वैश्विक उत्पादों से भी कर सकेंगे प्रतिस्पर्धा: डॉ. नवनीत

        एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि इन परियोजनाओं से वाराणसी और सोनभद्र में पैकेजिंग और विपणन आदि कार्यों में कारीगरों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सीएफसी में उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं कारीगरों को मिलेंगीं, जिससे इकाईयों के उत्पाद वैश्विक उत्पादों से भी प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में निर्यात की सम्भावनाएं भी सृजित होंगी और राज्य को एमएसएमई क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा। वाराणसी क्लस्टर में केंद्र सरकार का अनुदान 953.60 लाख और राज्य सरकार का अनुदान 277.06 लाख रुपए है। इसके तहत 20 करोड़ तक की परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं।

क्लस्टर बनने से वाराणसी का टेक्सटाइल कारोबार दुगुना होने की संभावना

        टेक्सटाइल क्लस्टर के स्पेशल पर्पज ऑफ व्हीकल (एसपीवी) के डायरेक्टर अमरनाथ मौर्या ने बताया कि सीएफसी के लिए हरदत्तपुर बीकापुर रोहनिया में डेढ़ करोड़ की लागत से 14 हजार स्क्वायर फिट जमीन खरीदी गई है। यहां तमाम ऐसे छोटे-छोटे कारीगर हैं, जिनके पास मशीनें नहीं हैं। क्लस्टर का निर्माण होने से वह सीएफसी में हाईटेक मशीनों का उपयोग कर सकेंगे, जिससे वाराणसी के कारीगरों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद बाहर से बहुत अच्छा काम आ रहा है। क्लस्टर बनने से वाराणसी का टेक्सटाइल कारोबार दुगुना होने की संभावना है। क्रिएशन और डिजाइनिंग के क्षेत्र में वाराणसी का तोड़ नहीं है। क्लस्टर से लेनिन के ड्रेस मटैरियल, होम फर्निशिंग और गारमेंट्स को बड़ा लाभ मिलने वाला है।

गंगा समेत प्रदेश की अन्य प्रमुख नदियों में प्रदूषण हुआ कम

प्रदेश में गंगा समेत अन्य प्रमुख नदियों में प्रदूषण काफी कम हुआ है। नदियों की धारा अविरल और निर्मल हुई हैं। नदियों में गिरने वाले नाले-नालियों को टैप किया गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में 3298.84 एमलडीए के 104 एसटीपी चालू किये हैं। नमामि गंगे परियोजना के तहत संचालित परियोजनाओं ने दूषित हो चुकी नदियों को फिर से स्वच्छता प्रदान की है। तेजी से चलाए गये स्वच्छता अभियानो से गंगा ही नहीं प्रदेश की गोमती, सरयू, यमुना, राप्ती समेत सभी प्रमुख नदियों की हालत सुधरी है। गंदगी की मात्रा घटने से जलीय जीवों को जीवन मिला है और सिल्ट निकाले जाने से नदियों की सतही सफाई संभव हुई है।

        नदियों की स्वच्छता और उसमें गिरने वाले सीवेज को रोकने के साथ ही शहरों में घरेलू सीवरेज कनेक्शन देने के प्रयास भी तेजी से किये जा रहे हैं। शहरों में सड़क पर बहने वाला सीवर का गंदा पानी अब नहीं दिखाई देता है। गंदगी और बदबू ने लोगों की परेशानी कम हुई है। साथ ही गंदगी से होने वाली बीमारी पर भी नियंत्रण संभव हो पाया है। वर्तमान में 3298.84 एमएलडी के 104 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण ने इसमें काफी निर्णायक भूमिका निभाई है। नमामि गंगा के तहत गंगा नदी से सटे अनूपशहर को मिली सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) और सीवरेज लाइन की सौगात से नदी में दूषित पानी गिरना बंद हुआ। यहां 78 करोड़ की लागत से सीवरेज लाइन बिछाने का काम किया गया। इसी तर्ज पर लखनऊ में भी गोमती नदी की स्वच्छता में अभूतपूर्व परिर्वतन आए। नदी की स्वच्छता के साथ सतह पर जमी सिल्ट निकालने के लिए ड्रेजिंग कराई गई। नदी में रहे जीएच कैनाल (हैदर कैनाल) के सीवर के पानी को शोधित करने के लिए 120 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। यही नहीं राज्य के गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, लोनी, सहारनपुर, बिजनौर, पिलखुआ, मुजफ्फरनगर, रामपुर, गोरखपुर, सुलतानपुर और आयोध्या नगरों से गुजरने वाली नदियों में गिरने वाले सीवेज को रोकने के लिए योजना के तहत एसटीपी का निर्माण कार्य पूरा करा लिया गया है। इसके साथ ही सीवरेज शोधन संयंत्रों के रख-रखाव और सुचारू रूप से संचालन के लिए भी व्यवस्था की गई हैं। सरकार की मंशा नदियों को गंदगी और सीवेज से पूरी तरह से मुक्ति दिलाना है।

नमामि गंगे योजना से कानुपर में सीसामऊ नाला पूरी तरह से बंद किया

        सरकार ने नमामि गंगे योजना के तहत सीसामऊ नाला परियोजना के माध्यम से नाले को पूरी तरह से बंद करके एसटीपी में डालने का काम किया है। कानपुर में 128 साल पुराना सीसामऊ नाला गंगा नदी में गंदगी के गिरने का बड़ा कारण हुआ करता था। नमामि गंगे योजना के तहत इस नाले के 140 एमएलडी सीवेज को आई.एण्ड.डी द्वारा टैप कर 80 एमएलडी बिनगवां एसटीपी और 60 एमएलडी जाजमऊ एसटीपी से शोधित किया जा रहा है। इस प्रणाली के माध्यम से कानपुर में गंगा नदी में गिरने वाला प्रदूषण पूरी तरह से बंद हुआ। जिससे गंगा नदी के प्रवाह में गुणवत्ता में काफी सुधार आया है।

जनता दर्शन से गैरहाजिर अफसरों पर होगी कार्यवाही: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आज सुबह जिलों में जनता दर्शन के दौरान किए गए रियलटी चेक में 16 जिलों के डीएम और 14 कप्तान गैरहाजिर मिले हैं। इससे नाराज सीएम योगी ने गैरहाजिर अफसरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिले स्तर पर जनता दर्शन कार्यक्रम की मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय, अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी स्तर से मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं।

        सीएम योगी ने जिलों में जनता दर्शन कार्यक्रम में सुनवाई व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए आज सुबह रियलटी चेक करने के निर्देश दिए थे। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय से लैंडलाइन पर सभी डीएम को फोन किया गया था। ऐसे ही जिलों में तैनात पुलिस कप्तानों के रियलटी चेक के लिए अपर मुख्य सचिव गृह के कार्यालय से पुलिस के तीन जोन के कप्तानों को फोन किया गया। तीन जोन में डीजीपी मुकुल गोयल ने खुद फोन किया और तीन जोन में एडीजी एलओ के कार्यालय से फोन किया गया। इन सभी अफसरों को साढ़े नौ बजे के पहले और 10 बजे के बाद दो बार फोन किया गया। इस रियलटी चेक में 16 डीएम और 14 कप्तान जनता दर्शन के दौरान कार्यालय से गैरहाजिर मिले। इसकी जानकारी होने पर सीएम योगी ने नाराजगी जाहिर की। साथ ही उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को रोज सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहकर जनसमस्याओं और शिकायतों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि भविष्य में भी रियलटी चेक कार्यक्रम जारी रहेगा और जनता दर्शन से अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

सपा-बसपा ने यूपी को लावारिस छोड़ उसकी दुर्गति की : योगी

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को बहुत समय मिला लेकिन उन्होंने यूपी को लावारिस छोड़कर उसकी दुर्गति ही की। 05 वर्ष पहले जहां उत्तर प्रदेश के बारे में धारणाएं बनती थीं कि ये दंगा प्रदेश है। वहीं हमारी सरकार आने के बाद अब सुरक्षित यूपी की धारणा कायम हुई। ये वही उत्तर प्रदेश है जहां कोई निवेश नहीं करना चाहता था और आज दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी जेवर एयरपोर्ट तैयार करने जा रही है। यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में शुक्रवार को कही।

        गोमतीनगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आने वाले समय मे उत्तर प्रदेश, देश में सबसे आगे होगा। उन्होंने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि आप सबकी ऊर्जा, भारत और उत्तर प्रदेश की ऊर्जा है। ये ऊर्जा भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़कर राष्ट्रनिर्माण के लिए बड़ी भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि आप सबके ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। सीएम योगी ने कहा कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। दुनिया की सबसे उर्वरा भूमि, जल संसाधन, सबसे ज्यादा पौराणिक, धार्मिक स्थल उत्तर प्रदेश में हैं लेकिन क्या कारण था कि 5 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के बारे में धारणाएं बनती थी कि ये दंगा प्रदेश है। सीएम योगी ने कहा कि उन कारणों में आप युवाओं को जानना होगा। पिछली सरकारों में भट्टा पारसौल, बस्ती के मुंडेरवा और रामकोला में किसानों पर गोलियां चलाई गईं। लेकिन हमारी सरकार में बड़े से बड़े विकास कार्य चल रहे हैं। कहीं कोई विवाद नहीं है। अगर किसी किसान ने जमीन दी है, तो कुछ घंटों में पैसा उसके खाते में चला जाता है। सीएम योगी ने कहा कि ये काम पहले की सरकारों में भी हो सकते थे, लेकिन तब खुद के घरों का विकास होता था। 2 करोड़ 61 लाख लोगों को शौचालय नारी गरिमा को बचाने के साथ कई बीमारियों से भी हमको बचा रहे है। उन्होंने कहा कि आखिर 2017 से पहले कांग्रेस, सपा, बसपा क्या कर रही थी।

        सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीपावली पर पटाखे नहीं जलेंगे, कावंड़ यात्रा में डीजे नही बजेगा, अजीब-अजीब से नियम हिन्दू त्योहारों पर लगा दिए जाते थे। जब मैं सीएम बना तो सबसे पहले कावड़ यात्रा पड़ी थी। संबंधित अधिकारी मेरे पास आये और बोले कि यात्रा नहीं हो सकती है, दंगा हो जायेगा। तो मैंने कहा आप लोग किस लिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि भाजपा सरकार में  42 लाख लोगों को आवास मिले, सौभाग्य योजना के तहत 1.41 करोड़ घरों को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिए गए, उज्जवला योजना में 1.67 करोड़ परिवारों को निशुल्क गैस कनेक्शन मिले, 2.61 लाख व्यक्तिगत शौचालय निर्मित किए गए, अटल पेंशन योजना में 36.60 लाख से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया। ऐसी तमाम और कल्याणकारी योजनाओं से जिनको भी लाभ मिला, वे सभी भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं क्योंकि इन लोगों को समझ आ गया है कि पिछली सरकारों ने उनके साथ धोखा किया।

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