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पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के ऐलान के बाद से पार्टी नेताओं ने उनके खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है. पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने तो यहां तक कह दिया कि वादे निभाने में विफल रहने के कारण ही कैप्‍टन को कुर्सी से हटाया गया.

वहीं पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि पार्टी के विधायकों के कहने पर ही कैप्टन को बदलने का फैसला लिया गया. कांग्रेस नेताओं के हमलावर होते ही

अब कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कैप्‍टन ने कहा कि कांग्रेस नेता जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वो सभी नवजोत सिंह सिद्धू की तरह ही कॉमेडी करने लगे हैं.

हरीश रावत और रणदीप सिंह सुरजेवाला को खरी-खोटी सुनाते हुए कैप्‍टन अमरिंद सिंह ने कहा कि दोनों ही नेता विधायकों की संख्या को लेकर अलग-अलग जानकारी दे रहे हैं.

पहले हरीश रावत कह रहे थे सिर्फ 43 विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास जताते हुए कांग्रेस आलाकमान को चिट्ठी भेजी थी और अब रणदीप सुरजेवाला कह रहे हैं कि 79 में से 78 एमएलए उनके खिलाफ थे. इस तरह के दावे दिखाते हैं कि कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू की तरह ही कॉमेडी कर रहे हैं.

कैप्टन ने उन आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं ने कहा है कि कैप्टन अकाली दल से मिले हुए हैं. कैप्टन ने कहा कि अगर ऐसा होता तो वो पिछले 13 सालों से अकाली दल के सत्ता में रहने के दौरान उनके खिलाफ बनाए गए केसों को लेकर अदालत में लड़ाई ना लड़ रहे होते.

बता दें कि रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने का फैसला उन्होंने अपने स्तर पर नहीं लिया. पंजाब के 78 विधायकों ने मुख्यमंत्री बदलने के लिए लिखित में दिया था.

सुरजेवाला ने कहा, अगर सीएम नहीं बदलते तो कहा जाता कि कांग्रेस तानाशाह है, एक तरफ 78 विधायक और एक तरफ अकेला मुख्यमंत्री इसलिए पार्टी को यह फैसला लेना पड़ा. सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस ने पंजाब में अनुसूचित जाति वर्ग के बेटे चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर मिसाल पेश की है.

पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को काफी मनाने के बाद अब कांग्रेस ने उन पर खुलकर हमला बोलना शुरू कर दिया है. पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने इससे पहले कहा कि पार्टी आलाकमान लगातार उन्‍हें कई मुद्दों की याद दिलाती थी,

लेकिन बरगाड़ी बेअदबी मामले, ड्रग्स और बिजली जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कैप्‍टन का ध्‍यान ही नहीं था. वह जनता से किए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे थे.

पूरे राज्‍य में इस बात की सुगबुगाहट थी कि कैप्‍टन अंदर ही अंदर बादल की मदद कर रहे हैं. मैं खुद उनके पांच बाद इन मुद्दों पर चर्चा कर चुका हूं लेकिन कैप्‍टन इस तरफ कोई ध्‍यान नहीं दे रहे थे.

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