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हरियाणा : हथीन में रहस्यमयी बुखार से अब तक कुल 24 बच्चों की मौत

हरियाणा के पलवल के हथीन क्षेत्र में रहस्यमय बुखार का कहर जारी है. गांव चिल्ली में हुई 11 बच्चों की मौत के बाद अब गांव छायंसा में पिछले 10 दिनों में 8 बच्चों की मौत हो चुकी है.

हथीन में इस रहस्यमयी बुखार से अब तक कुल 24 बच्चों की मौत हो चुकी है. पलवल स्वास्थ्य विभाग तमाम कोशिशों के बाद भी अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि आखिर यह बुखार कौन सा है?

जानकारी के मुताबिक, हथीन क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ग्रामीण नहीं पहुंच पा रहे हैं, क्योंकि वहां तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पानी के रास्ते को पार करके जाना पड़ रहा है. इसी पानी से डेंगू और मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं.

जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुंच रही है. रहस्मयी बुखार से छायंसा में शुक्रवार को एक साथ तीन बच्चों की जान चली गई. इस गांव में पिछले 10 दिनों के अंदर 8 बच्चे रहस्मयी बुखार से दम तोड़ चुके हैं. गांव में सैकड़ों लोग बुखार से पीड़ित हैं.

हथीन क्षेत्र के गांवों में अब तक 24 बच्चे रहस्मयी बुखार से काल के गाल में समा चुके हैं. गांव के लोगों में बच्चों की हो रही मौत व बढ़ते बुखार के मरीजों की संख्या देखकर हडकंप मचा हुआ है. छायंसा गांव में एजाज की सात वर्षीय बेटी मुब्बसिरा, साकिर के तीन माह के बेटे जिशान और शमशु की नौ दिन की बेटी मुनसिदा की बुखार से मौत हो गई है.

परिजनों के मुताबिक, मुब्बसिरा को दो दिन पहले बुखार हुआ था. शुक्रवार सुबह उसे नल्हड़ मेडिकल कालेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. शाम को उसकी मौत हो गई. बुखार से पीडि़त जिलशान को पलवल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

शम्मु की बेटी मुनसिदा को बुखार से पीड़ित नल्हड़ मेडिकल कालेज में शुक्रवार को मौत हो गई. गांव के नासिर के अनुसार, कई दिन पहले उनकी नौ माह की बेटी अनम को बुखार के कारण हथीन की एक प्राईवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया,

जहां पर उसकी प्लेटलेट्स 90 हजार से भी कम पाई गई. प्राईवेट चिकित्सकों ने बच्ची को डेंगू बताया था. बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. गांव में जो 8 मौतें हुई हैं, वह सभी मौतें बुखार से बताई गई हैं.

इससे पहले 11 बच्चे चिल्ली, दो बच्चे खिल्लुका, एक बच्चा भीम सीका, दो बच्चे मलाई, दो बच्चों की मौत हथीन शहर में हुई है. ये सभी मौतें बुखार से हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग हो रही मौतों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम रहा है.

स्वास्थ्य विभाग अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि आखिर यह बुखार कौन सा है जो लगातार बच्चों को अपनी मौत के आगोश में ले रहा. स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई के नाम पर केवल जांच का सहारा ले रहा है. स्वास्थ विभाग के अनुसार बच्चों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.

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