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हिमाचल प्रदेश में उपचुनावों में जीत को लेकर तैयार किया कैंडिडेट का पैनल

हिमाचल प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में जीत को लेकर भाजपा पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रही है. हालांकि उसके सामने टिकट बंटवारे को लेकर संकट खड़ा हो गया है. दरअसल मंडी लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के

लिए भाजपा में टिकट के लिए जबरदस्‍त मारामारी नजर आ रही है. वहीं, रविवार को करीब रात 10 बजे तक चली बैठक में भाजपा प्रदेश चुनाव समिति के 14 सदस्यीय वरिष्ठ नेता चार सीटों से एक-एक प्रत्याशी का नाम तय नहीं कर पाए.

बता दें कि मंडी संसदीय और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने एक-एक नाम फाइनल कर दिल्ली हाईकमान को भेज दिया है, लेकिन भाजपा इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं कर सकी है. हालांकि भाजपा की धर्मशाला के एक निजी होटल में करीब रात 10 बजे तक चली बैठक में उपचुनाव के दावेदारों के नामों की लिस्‍ट तैयार की गयी है.

भाजपा प्रदेश चुनाव समिति ने मंडी से पांच, फतेहपुर से चार, अर्की से तीन और जुब्बल-कोटखाई से दो दावेदारों का पैनल फाइनल किया गया. इसके बाद आज यानी सोमवार को सूची को हाईकमान के समक्ष भेजा जाएगा. साफ है कि अब दिल्ली में ही चारों सीटों के लिए एक-एक नाम तय होगा.

भाजपा ने मंडी लोकसभा से महेश्वर सिंह, ब्रिगेडियर खुशाल सिंह, अजय राणा, निहाल चंद और पंकज जम्वाल के नाम तय किए गए हैं. जबकि अर्की विधानसभा सीट से रतनपाल सिंह, गोविंद राम शर्मा और आशा परिहार का नाम फाइनल हुआ है.

वहीं, फतेहपुर से कृपाल परमार, बलदेव ठाकुर, रीता ठाकुर और पंकज ठाकुर का नाम तय किया गया है. जबकि जुब्बल कोटखाई से चेतन बरागटा और नीलम सरैक के नाम पैनल में भेजे जाएंगे.

सूत्रों की मानें तो बैठक में मंडी सीट से एक ब्राह्मण उम्मीदवार पर भी चर्चा हुई. कहा गया कि मौजूदा विधायक के अलावा किसी और को भी चुनावी मैदान में उतारा जाए. वहीं, भाजपा ने परिवारवाद और गुटबाजी पर भी मंथन किया है.

बैठक से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप की अध्यक्षता में हिमाचल के शीर्ष नेताओं ने उम्मीदवारों को तय करने को लेकर अपनी-अपनी राय रखी. फीडबैक के बाद उम्मीदवारों का पैनल बनाने का फैसला हुआ.

इस दौरान बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, सह प्रभारी संजय टंडन के अलावा मंत्री, विधायक और अन्य नेता भी मौजूद रहे.

बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल किसी काम से बैठक के बीच ही चले गए. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार शामिल ही नहीं हुए थे. वहीं, बैठक में मंडी संसदीय सीट से टिकट को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले

मंत्री महेंद्र सिंह और गोविंद ठाकुर पर न ज्यादा चर्चा हुई और न बात बनी. मंडी से पांच दावेदार पैनल में हैं. हालांकि इस बात की गुंजाइश अभी भी है कि अगर पांचों नामों पर भी बात न बनी तो ही मंत्रियों के नामों पर हाईकमान मंथन करेगा.

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