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राजस्थान : श्रीगंगागनर में सिंचाई के पानी की मांग को लेकर किसानों ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जहां किसानों और बीजेपी के कार्याकर्ताओं में हुई हिंसा के बाद वहां किसान तथा सरकार आमने सामने हो रखे हैं वहीं राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में सिंचाई के पानी की मांग को लेकर

किसानों ने कांग्रेस की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आक्रोशित किसानों ने घड़साना के एसडीएम कार्यालय बीते दो दिन से घेराव कर रखा है. किसानों ने हालात पर नजर रखने के लिये आये

पुलिस जाब्ते के करीब 150 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भी कथित रूप से बंधक बना रखा है. एसडीएम कार्यालय की सुरक्षा के लिये पुलिस जाब्ता उसके परिसर में जमा है. किसानों ने एसडीएम कार्यालय परिसर के तीनों गेटों पर ताला लगा रखा है.

मामले की गंभीरता को देखते हुये राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल को हटा दिया है. राज्य सरकार ने मित्तल की जगह अमरदीप सिंह को मुख्य अभियंता नियुक्त किया है.

अमरदीप सिंह और बीकानेर के संभागीय आयुक्त भंवरलाल मेहरा आज किसानों से वार्ता करेंगे. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो यहां वर्ष 2004 में हुआ घड़साना किसाना आंदोलन एक बार फिर से दोहराया जा सकता है. उस आंदोलन में कई किसान मारे गये थे.

दरअसल सिंचाई का पानी नहीं मिलने से इलाके के किसान काफी समय से आक्रोशित थे. इसको लेकर उन्होंने करीब एक सप्ताह पहले घड़साना उपखंड अधिकारी के कार्यालय के सामने महापड़ाव डाला था.

पांच दिन तक कोई सुनवाई नहीं होने शनिवार को किसानों का आक्रोश फूट पड़ा. हजारों किसानों ने शनिवार शाम को घड़साना एसडीएम कार्यालय का घेराव कर लिया. उन्होंने वहां चारपाइयां डाल दी और लंगर शुरू कर दिया.

घेराव को देखते हुये पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में जिले के पुलिस और प्रशासन के अधिकारी करीब डेढ़ सौ पुलिसकर्मियों का जाब्ता लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे.

वहां किसानों ने SDM कार्यालय के तीनों दरवाजों पर ताले जड़कर पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को एक तरह से बंधक बना दिया. दो-तीन घंटों बाद में अधिकारी से बाहर निकल गये.

लेकिन जाब्ता अंदर ही है. उसके बाद कुछ पुलिसकर्मी बाहर तैनात किये गये. पुलिस का कहना है कि बंधक जैसी कोई बात नहींं है। पुलिसकर्मी अपना काम कर रहे हैं.

इस दौरान कई वार्ताओं के दौर के बाद अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है. मामला बिगड़ता देखकर राज्य सरकार ने रविवार रात को आईजीएनपी के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल को उनके पद से हटा दिया.

उनके स्थान पर अब अमरदीप सिंह को इसकी कमान सौंपी गई है. वे आज किसानों से वार्ता के लिये आयेंगे. हजारों किसान लगातार तीसरे दिन घेराव किये बैठे हैं.

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