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चारों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या दिखी बढ़ती हुई केदारनाथ में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट की गुफाएं भी हुई तैयार

चार धाम यात्रा के लिए ई पास की अनिवार्यता खत्म किए जाने के बाद से यात्रियों की संख्या में इज़ाफ़ा देखा जा रहा है. इससे पहले सीमित संख्या के चलते प्रतिदिन केदारनाथ धाम में केवल 800 यात्रियों को ही अनुमति थी,

लेकिन यह बाध्यता खत्म होने के बाद अब यहां रोज़ 2000 से ज़्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. सिर्फ केदारनाथ ही नहीं, चारों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती हुई देखी जा रही है. इधर, एक अहम खबर यह है

कि गुरुवार रात यमुनोत्री धाम के लिए हाईवे करीब छह घंटों तक ठप रहा. वहीं, श्रद्धालुओं के लिए एक और महत्वपूर्ण जानकारी यह भी है कि केदारनाथ में ध्यान योग के लिए सर्वसुविधायुक्त चार गुफाएं लगभग तैयार हो चुकी हैं.

चारों धामों पर बढ़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद केदारनाथ समेत सभी जगह लंबी लाइनें देखी जा रही हैं. हालांकि प्रशासन का कहना है कि कोविड संबंधी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करवाया जा रहा है.

रुद्रप्रयाग के डीएम मुनज गोयल के हवाले से खबरों में कहा गया कि चार धाम यात्रा के रास्ते में अस्थायी शौचालयों, सफाई व्यवस्था, मेडिकल पोस्ट आदि बनाए गए हैं. स्वास्थ्य संबंधी तमाम सुविधाएं की गई हैं. दूसरी तरफ, केदारनाथ में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट का काम तरक्की पर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण के संदर्भ में ध्यान योग गुफाएं बनाने की बात कही थी. इस निर्देश पर तीन गुफाएं तैयार हो चुकी हैं जबकि चौथी का काम अंतिम चरण में है.

भक्त यहां रात दिन ध्यान और योग कर सकें इसलिए इन गुफाओं में बिजली, पानी और टॉयलेट आदि के इंतज़ाम किए गए हैं. धाम से करीब डेढ़ किमी दूर दुग्धगंगा से गरुड़चट्टी के बीच ये गुफाएं बनी हैं, जिन पर करीब 27 लाख रुपये खर्च हुए.

पौराणिक कला को ध्यान में रखकर बनाई गई हर गुफा में एक एक साधक ध्यान कर सकता है. 12,500 फीट की ऊंचाई पर बनी इन गुफाओं में पानी गर्म करने जैसी सुविधाएं भी हैं. याद रखने की बात यह है

कि 2019 में आम चुनाव के बाद पीएम मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे थे और यहां 18 घंटे ध्यान किया था. हालांकि पिछले करीब डेढ़ साल से कोरोना के चलते यहां ध्यान की अनुमति नहीं थी. अब यहां गुफाओं को भक्तों को खोला जा रहा है. इधर, एक अहम खबर यमुनोत्री से भी आई है.

यमुनोत्री धाम जाने वाले यात्री तब रास्ते में फंस गए जब कुथनौर के पास खनेड़ा पुल गुरुवार रात बंद हो गया. हाईवे को खोलने के लिए मशीनें पहुंची और करीब छह घंटे की जद्दोजहद के बाद देर रात तक रास्ता खुल सका. हाईवे खुलने के बाद भी चट्टानी मलबा और बोल्डर आदि गिरने का जोखिम बताते हुए विभागों ने हिदायतें जारी की हैं.

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