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न्यायिक आयोग दुबई जाकर दर्ज करेगा मुशर्रफ का बयान

 पाकिस्तान में विशेष न्यायालय ने राजद्रोह मामले में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का बयान दर्ज करने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक आयोग के गठन का आदेश दिया है। यह आयोग दुबई में रह रहे मुशर्रफ का बयान दर्ज करेगा। पूर्व तानाशाह मुशर्रफ के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश होने से इन्कार करने पर अदालत ने यह आदेश दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह पर राजद्रोह का मामला

75 साल के मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वह 2007 में संविधान को निलंबित करने के मामले में राजद्रोह के मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इस आरोप में दोषी पाए जाने पर मुशर्रफ को मौत की सजा या उम्रकैद हो सकती है। मुशर्रफ खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर इलाज के लिए दुबई गए थे, लेकिन उसके बाद वापस पाकिस्तान नहीं लौटे। उन्होंने वापस न होने का कारण जान का खतरा बताया।

विशेष अदालत में पेश हुए मुशर्रफ के वकील ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति गंभीर रूप से अस्वस्थ हैं और वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बयान दर्ज नहीं करवा सकते। वकील ने यह बात जस्टिस यावर अली, जस्टिस ताहिरा सफदर और जस्टिस नजर अकबर की पीठ के समक्ष कही।

जस्टिस अली ने वकील से मुशर्रफ को कैंसर होने की जानकारी मिलने और उनके हृदय संबंधी रोग के बारे में सवाल पूछे। वकील ने कहा, उनके मुवक्किल मुशर्रफ सुनवाई से बच नहीं रहे। वह कायर नहीं हैं। वह अदालत के समक्ष पेश होकर अपनी बेगुनाही के सुबूत देना चाहते हैं, लेकिन स्वास्थ्य उनका साथ नहीं दे रहा। वह बहुत ज्यादा बीमार हैं।

सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि परवेज मुशर्रफ का इतिहास गवाह है कि वह बयान दर्ज कराने से बच रहे हैं। इसीलिए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बयान देने का कार्यक्रम रद किया है। अब अदालत के आदेश से न्यायिक आयोग यूएई जाएगा और वहां मुशर्रफ का बयान दर्ज करेगा। मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।

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