सीएम की पहल के बाद मेडिकल कॉलेजों के लिए निवेशकों ने बढ़ाए हाथ
प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं को देने के लिए प्रतिबद्ध
योगी सरकार तेजी से स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी कर रही है। सभी मेडिकल
कालेजों, संस्थानों व विश्वविद्यालयों में ईडब्लूएस के तहत सीट में बढ़ोतरी करते
हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकार ने आरक्षण व्यवस्था को लागू
किया। प्रदेश में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा की दिशा में उत्तर प्रदेश में दो अखिल
भारतीय चिकित्सा संस्थान गोरखपुर व रायबरेली में स्थापित कर आउटडोर सेवाएं
शुरू होने से लोगों को सीधे तौर लाभ मिला है। वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज
की नीति पर काम कर रही योगी सरकार प्रदेश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप
(पीपीपी) मॉडल से खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों पर भी तेजी से कार्य कर रही है।
पिछली सरकारों में चिकित्सा के क्षेत्र में हाशिए पर रहे जनपदों को कम
समय में पहली पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया। जिसका लाभ गांव देहात कस्बों
तहसीलों के लोगों को मिलेगा। इस कड़ी में योगी सरकार ने बागपत, बलिया,
भदोही चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज महराजगंज महोबा मैनपुरी, मऊ,
रामपुर, संभल, संत कबीरनगर, शामली व श्रावस्ती में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल
कॉलेज के निर्माण का एक अहम फैसला लेकर जनपदवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं
के क्षेत्र में बड़ी सौगात देने का काम किया है। गौरतलब है कि पिछली सरकारों में
यहां कोई सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं है।
17 निवेशकों ने दिखाई रूचि
इन नौ जिलों में सीएम की पहल पर कई निवेशक आगे आए हैं। इन जिलों में
पीपीपी मॉडल के मेडिकल कॉलेजों के लिए 17 निवेशक आगे आए हैं। मेडिकल
कॉलेज खोलने के लिए सरकारी नीति जारी होने के बाद टेंडर जारी किया गया।
आवेदन की अंतिम तिथि 5 जनवरी है। डीजीएमई डॉ. एनसी प्रजापति ने बताया
कि करीब दर्जन भर और निवेशक संपर्क में हैं। वे नियमावली की जानकारी लेने के
बाद व्यक्तिगत रूप से पूरी स्थिति की जानकारी ले रहे हैं।