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शिवपाल से भेंट के बाद अखिलेश का ट्वीट उनके संस्कारों का सबूत: सिद्धार्थनाथ

अपने सगे चाचा शिवपाल से मिलने के बाद अखिलेश यादव ने जो ट्वीट
किया है वह उनके संस्कारों का सबूत है। साथ ही उन दलों के लिए भी एक संदेश
जिन्होंने सपा से विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन किया है। जो अपने चाचा
को सिर्फ एक छोटी पार्टी का अध्यक्ष समझता हो उसके लिए बाकियों की क्या
बिसात।
यह बातें उत्तरप्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने
शुक्रवार को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि दरअसल अखिलेश
स्वभावतः सत्तालोलुप हैं। येन-केन प्रकारेण सत्ता पाना ही उनका एक मात्र मकसद
है। सत्ता भी उनको जनता की सेवा के लिए नहीं लूट की खुली छूट, अराजकता और
भ्रष्टाचार के लिए चाहिए। इसके लिए वह छोटे दलों से गठबंधन नहीं,जातियों की
गोलबंदी कर रहे हैं।
सिद्धार्थनाथ ने कहा कि अखिलेश को पता होना चाहिए कि जातीय राजनीति
के दिन लद चुके हैं। जनता विकास चाहती है। वह डबल इंजन (मोदी-योगी) की
सरकार के विकास का काम न केवल देख रही है बल्कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा
सरकार और पहले की सरकारों के काम के फर्क को साफ-साफ महसूस कर रही है।
लिहाज अब अखिलेश की दाल गलने से रही। यूं भी काठ की हांडी बार-बार नहीं
चढ़ती। बाकी खुद की तसल्ली के लिए वह ख्वाब देखते रहें।
मालूम हो कि कल अखिलेश ने लखनऊ स्थित आवास पर शिवपाल से
मुलाकात की थी। उसके बाद किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि, क्षेत्रीय दलों
को साथ लेने की नीति के तहत
प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।
इस ट्वीट में कहीं भी शिवपाल से अपने रिश्ते का जिक्र तक नहीं है।

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