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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे 23 दिसंबर को वाराणसी से पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति का आगाज

23 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से पूर्वांचल में दुग्ध क्रांति का आगाज करने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करखियांव में अमूल के प्लांट बनास डेयरी की आधारशिला रखेंगे.

प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास होने के करीब डेढ़ साल के भीतर ये प्लांट बनकर तैयार होगा. अभी तक यूपी में लखनऊ और कानपुर में अमूल के प्लांट हैं. वाराणसी में स्थापित होने वाला ये तीसरा प्लांट कई मायनों में पहले दो प्लांटों से अलग और अनूठा होगा.

यहां केवल समितियों के माध्यम से किसानों का दूध ही नहीं खरीदा जाएगा बल्कि समूचे इलाके में दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके, इसके लिए किसानों को पोषक तत्वों के साथ जानवरों के रख रखाव की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

यही नहीं एंब्रियो ट्रांसप्लांट के जरिए जानवरों की अच्छी नस्ल के साथ बच्चे देने की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी. प्रति जानवर दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए देशी गायों का संवर्धन किया जाएगा.

यही नहीं, गुजरात से बड़ी संख्या में गीर गाय यहां लाई गई हैं. बनारस के प्लांट में लखनऊ की तरह आइसक्रीम भी बनाई जाएगी. अभी तक गांव में 150 समितियां बनाई जा चुकी है.

बनास डेयरी के चेयरमैन गुजरात निवासी शंकरभाई चौधरी ने बताया कि यहां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का प्रयोग भी किया जाएगा. मसलन, जैसे ही किसान अपने गांव में मंडली को दूध देगा, उसके मोबाइल में ये सूचना मिल जाएगी कि दूध कितना है, इसमे फैट कितना है आदि जानकारियां.

दूध देने के पांच मिनट के भीतर उसके एकाउंट में भुगतान हो जाएगा. दूध प्लांट तक लाने वाली गाड़ियां जीपीएस से लैस होगी, जिसके जरिए लगातार उनकी लोकेशन से जुड़ी सारी जानकारियां मिलेंगी.

शंकरभाई चौधरी ने बताया कि आय कैसे बढ़ेगी, दूग्ध क्रांति कैसे आएगी, इसको इस उदाहरण से समझिए. हमारे यहां पहले जो गाय चार लीटर दूध देती थी, वो अब 25 से 26 लीटर दूध देती है.

पीएम मोदी की कोशिश करने से पहले मेरे गांव में साल 2002 से पहले दो सौ करोड़ रुपए महीने का कारोबार होता था, अब नौ सौ करोड़ का है. उन्होंने कहा कि देखिए ये परिवर्तन होने में आठ से नौ साल का समय लगेगा लेकिन होगा जरूर.

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