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शीतलहर और बर्फबारी में के कारण उत्तराखंड का मौसम हुआ सुहाना

इस बार मौसम और उत्सवों का आनंद लेने के लिहाज़ से पर्यटक तैयार थे और पर्यटकों के स्वागत के लिए उत्तराखंड भी, लेकिन हालात अचानक बदल गए. ओमिक्रॉन वैरिएंट की राज्य में दस्तक के बाद प्रशासन सख्ती के लिए मुस्तैद नज़र आ रहा है,

तो उत्तराखंड की पर्यटन राजधानी कहे जाने वाले नैनीताल में क्रिसमस और न्यू इयर के मौके पर पर्यटन कारोबारियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लग रहा है. दूसरी तरफ, पहाड़ों में पिछले हफ्ते बर्फबारी के बाद विहंगम और रोमाचंक दृश्य पैदा हो गए हैं. इस सुहाने मौसम का लुत्फ लेने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

वास्तव में, नैनीताल पुलिस और प्रशासन ने भीड़ ज़्यादा बढ़ने और कोविड 19 की आशंका के चलते क्रिसमस और न्यू इयर पर सख्ती बरतने का मन बना लिया है. नैनीताल में कोरोना के मामले बढ़ने के मद्देनज़र प्रशासन पर्यटकों की बेरोकटोक एंट्री के मूड में नहीं है.

डीआईजी नीलेश आनंद भरणे अधिकारियों की मीटिंग के बाद ट्रैफिक और भीड़ कंट्रोल के संबंध में निर्देश दे चुके हैं. नतीजा यह है कि नैनीताल के होटलों में बुकिंग 80 फीसदी फुल हो चुकी थी, लेकिन अब पर्यटक ये बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं.

पर्यटन स्थलों पर न कोई मास्क लगा रहा है और न ही कोरोना संबंधी नियमों का पालन हो रहा है. ऐसे में लापरवाही के चलते नये साल में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बढ़ने के मद्देनज़र प्रशासन एक पूरी गाइडलाइन तैयार कर रहा है,

इधर, पुलिस की चालानी कार्रवाई के खिलाफ टैक्सी संचालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है. यही नहीं, क्रिसमस और न्यू इयर पर भी टैक्सी बंद रखने का ऐलान कर दिया है. इसका असर भी पर्यटन पर पड़ेगा ही.

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में तो न्यू इयर के लिए पहले से ही बुकिंग फुल है और सैलानियों के लिए नाइट सफारी तक की व्यवस्था है. इधर, दिसंबर के पहले दो हफ्तों में पहाड़ों में हुई बर्फबारी का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में अभी भी सैलानी औली पहुंच रहे हैं.

औली की सुंदर वादियों में सैलानी बर्फ पर मौज मस्ती करते हुए दिख रहे हैं. चारों तरफ हल्की बर्फ जमी होने की वजह से ठंड बढ़ चुकी है लेकिन सैलानी इस सुहाने मौसम को अपने कैमरे और यादों में कैद कर रहे हैं.

वहीं, पूरे उत्तराखंड में शीतलहर का प्रकोप जारी है.इस साल पहाड़ों में पिछले सालों की तुलना में ज़्यादा ठंड महसूस की जा रही है. चमोली और पिथौरागढ़ ज़िलों के मुख्य बाजारों तक में सन्नाटा दिख रहा है.

ठंड के चलते पहाड़ों में पानी लगातार जमता जा रहा है. प्रशासन ने पर्यटकों, मज़दूरों के लिए कई जगह अलाव की व्यवस्था की है, लेकिन स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि अलाव हर चौराहे पर होने चाहिए.

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