उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक भर्ती को लेकर लिए ये दो बड़े फैसले
शिक्षक बनने की आस लगाए बैठे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. दरअसल यूपी में चुनावी मौसम में योगी सरकार दनादन फैसले कर रही है. कई विकास प्रोजेक्ट उदघाटन-शिलान्यास के बाद अब रोजगार की बारी आई है.
शिक्षकों की भर्ती को लेकर योगी सरकार ने दो बडे़ फैसले लिए हैं. पहला आरक्षित वर्ग के 6000 सहायक शिक्षकों की भर्ती होगी और दूसरा 17 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की नई भर्ती होगी.
राज्य बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के मुताबिक आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की लिस्ट 29 दिसंबर तक तैयार कर ली जाएगी और 5 जनवरी तक वेरिफिकेशन होगा तो 6 जनवरी 2022 तक नियुक्ति पत्र सौंप दिए जाएंगे. बड़ी बात ये भी कि ये सभी भर्तियां जनवरी 2022 तक पूरी कर ली जाएंगी.
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने सतीश द्विवेदी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. उनका कहना है कि ओबीसी और एससी वर्ग के करीब 20 हजार में से सिर्फ 6 हजार सीटों पर भर्ती को स्वीकार नहीं किया जाएगा.
युवा आरक्षित वर्ग की करीब 20 हजार सीटों पर की गई नियुक्ति को घोटाला बता रहे हैं और गलत तरीके से चयन में शामिल कैंडिडेट को बाहर करने की मांग कर रहे हैं.
सरकार ने जो भी फैसला लिया है अब उस पर विपक्ष भी सवाल उठा रहा है तो इसे सरकार के झुकने से जोड़ा जा रहा है. क्रेडिट लेने की कोशिश भी हो रही है. सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि सपा हमेशा से आंदोलनरत अभ्यर्थियों के साथ खड़ी रही है,
अंततः सरकार को झुकना पड़ा. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि सरकार को यह भी बताना होगा कि आरक्षण का पालन कैसे होगा, योग्य अभ्यर्थियों की भर्ती कब तक होगी?