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बिहार में कोरोना के मामले में आई तेजी 6 सदस्यीय टीम हुई गठित

बिहार में कोरोना के मामले में तेजी से हो रहे इजाफा के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने डब्लूएचओ और यूनिसेफ के अधिकारियों को भी निगरानी का जिम्मा दिया है. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर 6 सदस्यीय टीम गठित की गई है.

इस 6 सदस्यीय टीम में कुल 95 अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें टेस्टिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन से लेकर ट्रीटमेंट तक की निगरानी का जिम्मा दिया गया है. अब वैसे मरीज जो पॉजिटिव पाए जाते हैं,

उनकी सूची क्लोज हाई रिस्क कॉन्टैक्ट और सेकेंडरी कॉन्टैक्ट के आधार पर तैयार की जाएगी. वहीं, ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिलने पर उन इलाकों को कंटेन्मेंट जोन घोषित करने पर भी ये टीम विचार करेगी और स्थिति से जिले के सिविल सर्जन को अवगत कराएगी.

बता दें कि राज्य में गुरुवार से शुक्रवार शाम के बीच फिर से 13 मरीजों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है. सबसे ज्यादा खतरा पटना में बढ़ता जा रहा है. पटना में नए 7 मरीज मिले हैं

औऱ यहां एक्टिव केसेज की संख्या बढ़कर 55 तक पहुंच गई है. वहीं नए जिले भी अब कोरोना की चपेट में आने लगे हैं और मुंगेर में 2, बेगूसराय में 1, पूर्णिया में 2 और नालंदा में भी 1 मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है.

हालांकि रिकवरी रेट अब भी 98.32 प्रतिशत के आसपास है, लेकिन अस्प्ताल में भर्ती होनेवाले की संख्या भी अब बढ़ने लगी है. पटना एम्स में कुल 5 मरीज कोरोना वार्ड में भर्ती हैं, जिनमें 1 की स्थिति फिलहाल गम्भीर बताई जा रही है

जबकि 4 खतरे से बाहर हैं. 24 घटे में कुल 158222 सैम्पल्स की जांच हुई है और सैम्पल्स जांच की संख्या को 2 लाख तक रोजाना पहुंचाने का स्वास्थ्य विभाग ने फिर से लक्ष्य निर्धारित किया है.

इधर पटना एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर मेडिकल टीम लगातार तैनात है जहां बाहर से आनेवाले यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है. अब तक राहत की बात ये है कि विदेश यात्रा कर लौटनेवाले एक भी यात्री में ओमिक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है.

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