अफगानिस्तान में संसदीय चुनाव में हुई हिंसा में शनिवार को लगभग 170 लोग हताहत हुए है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि एक ताजा हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने काबुल के एक मतदान केन्द्र में खुद को उड़ा लिया जिससे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गये. इस तरह अफगानिस्तान की राजधानी में मृतकों की संख्या 19 पहुंच गई जबकि लगभग 100 लोग घायल है. विस्फोट की तत्काल किसी भी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन तालिबान ने इससे पूर्व कहा था कि उसने ‘‘फर्जी चुनाव’’ पर 300 से अधिक हमलों को अंजाम दिया.
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हिंसा से मतदान बाधित हुआ. उत्तरी कुंदुज शहर में तीन लोगों की मौत हुई और 39 अन्य घायल हो गये. प्रांतीय आईईसी निदेशक मोहम्मद रसूल उमर ने बताया कि कुंदुज शहर से कई किलोमीटर दूर एक मतदान केन्द्र पर तालिबान हमले में स्वतंत्र निर्वाचन आयोग (आईईसी) के कर्मचारी की मौत हो गई और सात अन्य लापता हो गये.
चुनाव आयोजकों का कहना है कि मतदाता पंजीकरण सूचियों और बॉयोमीट्रिक सत्यापन उपकरणों में गड़बड़ी के कारण विलंब होने से 371 मतदान केन्द्रों पर रविवार तक मतदान की अवधि बढाई जायेगी. हिंसा के खतरे के बावजूद प्रमुख शहरों में मतदान केन्द्रों पर बड़ी संख्या में मतदाता दिखाई दिये जहां उन्होंने कई घंटों तक मतदान केन्द्र खुलने का इंतजार किया.
लंबे समय बाद हो रहे संसदीय चुनाव के लिए लगभग 90 लाख मतदाता पंजीकृत थे. हमले के बाद कंधार में मतदान में एक सप्ताह तक का विलंब हुआ. चुनावी मैदान में उतरे 2,500 से अधिक उम्मीदवारों में से कम से कम 10 उम्मीदवारों की चुनाव से पहले हत्या कर दी गई थी.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मतदान की शुरुआत में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. उन्होंने ‘‘हर अफगानी,युवाओं और वृद्धों, महिलाओं और पुरूषों’’ से मतदान करने का आग्रह किया. शुरूआती परिणाम 10 नवम्बर को जारी किये जायेगे लेकिन इस तरह की चिंताएं है कि यदि बायोमीट्रिक सत्यापन उपकरण टूटे हुए या नष्ट पाये जाते है तो समस्या हो सकती है.