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उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप की अपार संभावनाएं: आलोक रंजन

लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन (एलएमए) के यंग मैनेजर्स फोरम ने राजधानी में “स्टार्टअप ईको-सिस्टम इन उत्तर प्रदेश” विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया। इस आयोजन में पूर्व मुख्य सचिव समेत देश भर से आए एमएसएमई और स्टार्टअप विशेषज्ञों व उद्वोग जगत से जुड़ी निजि संस्थाओं के प्रमुखों ने भाग लिया। सभी ने उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप की अपार संभावनाओं को देखते हुए उसे बढ़ावा दिये जाने पर बल दिया। 

एल. एम. ए. सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पैनल अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा की उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप की बहुत संभावनाएं हैं लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश के लोग स्टार्टअप्स के लिए अधिकतर बाहर जा रहे हैं। उन्होंने यहां पर एक ऐसा परिवेश बनाए जाने की आवश्यकता बताई जिसमें लोग बहार न जाकर उत्तर प्रदेश में ही स्टार्टअप शुरू करें। कॉलेज से निकले हुए विद्यार्थियों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने पर भी उन्होंने बल दिया। इससे पहले गौरव श्रीवास्तव को वाईएमएफ के नेतृत्व हेतु मनोनीत किया गया। कंटेंट कल्चर के संस्थापक सौरभ लाल ने चर्चा का संचालन किया। उन्होंने उत्त प्रदेश में स्टार्टअप्स की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान फ्लिपकार्ड ग्रुप के एसोसिएट डायरेक्टर हसन याकूब ने कहा की स्टार्टअप  के  लिए इच्छाशक्ति का होना आवश्यक है और इसके साथ ही आज के समय में स्टार्टअप्स को ई-कॉमर्स प्लेटमार्फ से जोड़ने की भी जरूरत है। उन्होंने समर्थ प्रोग्राम के बारे में भी बताया। AWOKE  इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रवीण कुमार द्विवेदी ने कहा कि हमारे स्कूलों और कॉलेजों में स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने वाले प्रोग्राम होने चाहियें। इस तरह के प्रोग्राम स्टूडेंट्स को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

रिटेक रबर प्रोडक्शन्स लिमिटेड  की एमडी किरण चोपड़ा  ने कहा की सरकार और प्राइवेट सेक्टर को स्टार्टअप्स के लिए एकीकृत परिवेश बनाने की जरूरत है एवं मार्गदर्शक की भी आवश्यकता है। माई प्लेस कोवर्किंग प्राइवेट लिमिटेड  के सीईओ सुधांशु रस्तोगी ने कहा की टियर टू एंड टियर थ्री श्रेणी के जिलों को भी वित्तीय मदद की आवश्यकता है। 

वीमेन शाइन की संस्थापक अपर्णा मिश्रा ने कहा की महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। एमएसएमई एवं स्टार्टअप विशेषज्ञ  गौरव श्रीवास्तव ने कहा कि स्टार्टअप के मामले में दुनिया के मुकाबले भारत की अच्छी स्थिति है। उत्तर प्रदेश में माइक्रो सेक्टर को बढ़ाने के लिए कम दरों पर लोन उपलब्ध कराने की ज़रूत है। साथ ही जॉब की जगह बिज़नेस करने की मानसिकता को बढ़ाना है। इस अवसर पर एलएमए  के कार्यकारी निदेशक राजीव प्रधान,  उपाध्यक्ष एके माथुर के साथ टीम अल्फा के वरिष्ठ प्रबंधक रवि पांडेय, रनेन्द्र सक्सेना और अभिषेक गुप्ता भी उपस्थित रहे। चर्चा में शामिल सभी पैनलिस्ट व  एलएमए सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करने के साथ पैनल डिस्कशन का समापन हुआ।

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