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महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर हुई त्वरित कार्रवाई, मिला न्‍याय

प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़ चार सालों में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा पर विशेष कार्य करते हुए
उनको भयमुक्‍त वातावरण उपलब्‍ध कराया है। प्रदेश में 181 महिला हेल्‍पलाइन कारगर साबित हुई है। इस
हेल्‍पलाइन से अब तक प्रदेश की 05 लाख से अधिक महिलाओं को शिकायतों का निस्‍तारण किया जा
चुका है। इसके साथ ही 75 जिलों के ग्रामीण व शहरी इलाकों की महिलाओं को त्‍वरित न्‍याय वन स्‍टॉप
सेंटर के जरिए मिल रहा है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बीते साढ़े चार सालों में हिंसा का शिकार हुई
शोषित महिलाओं को त्‍वरित न्‍याय दिलाने के उद्देश्‍य से 218 नए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट, 81 मजिस्‍ट्रेट स्‍तरीय
न्‍यायालय और 81 अपर सत्र न्‍यायालय की स्‍थापना की। इसके साथ ही प्रदेश के सभी 1535 थानों पर
महिला हेल्‍प डेस्‍क की स्‍थापना का कार्य किया गया।
प्रदेश में संचालित वन स्‍टॉप सेंटर के जरिए अब तक 120859 से अधिक महिलाएं लाभान्वित की जा चुकी
हैं। सेंटर की ओर से साल 2019 से 2020 तक 5550 कार्यक्रमों के जरिए से 13.79 लाख महिलाओं व
बालिकाओं को जागरूक किया गया। इसके साथ पिछले साल से लेकर अब तक 1380 कार्यक्रमों के जरिए
ढाई लाख से अधिक महिलाओं व बालिकाओं को जागरूक किया जा चुका है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से बेटियों को मिला लाभ
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और बेटियों के कदम रोजगार के पथ पर बढ़ाने संग प्रदेश सरकार ने
उनको सुरक्षित माहौल देते हुए उनको सम्‍मान दिया है। प्रदेश सरकार की स्‍वर्णिम योजनाओं से यूपी की
महिलाओं और बेटियों का उत्‍थान हुआ है। प्रदेश की बालिकाओं को स्नातक स्तर तक निशुल्क शिक्षा,
सीएम कन्या सुमंगला योजना से 10 लाख 93 हजार बेटियों को लाभान्वित किया जा चुका है। बेटी बचाओ-
बेटी पढ़ाओ योजना में 01 करोड़ 82 लाख से अ‍धिक बच्चियों को लाभांवित किया जा चुका है।

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