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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देने वाले कथित संत कालीचरण महाराज को किया गिरफ्तार

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देने वाले कथित संत कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद कालीचरण भागा फिर रहा था। वह महाराष्ट्र के अकोला का रहने वाला है।

कालीचरण पर महाराष्ट्र में भी एफआईआर दर्ज हुआ था। रायपुर पुलिस की कई टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी। पुलिस की टीम ने उसे खजुराहो से गिरफ्तार किया है।

रायपुर पुलिस कालीचरण को अब रायपुर लाने की तैयारी कर रही है। कालीचरण धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गाली देकर फरार चल रहा था। इसके बाद उसने वीडियो जारी कर आग उगला था।

इसके बाद रायपुर पुलिस की कई टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी। महाराष्ट्र के अकोला स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी हुई थी। मगर वह नहीं मिला था।

पुलिस की टीम ने एमपी और महाराष्ट्र के उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी। अब खजुराहो से उसे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की टीम ने खजुराहो से उसे सुबह चार बजे गिरफ्तार किया है।

सीएम भूपेश बघेल ने भी कहा कि गांधी जी को अपमान करने वाले लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा। इसके बाद से ही पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही थी।

कालीचरण महाराज ने रायपुर में आयोजित धर्म संसद के दौरान के राष्ट्रपिता के बारे में आपत्तिजनक बातें कही थी। इसके बाद वह रायपुर से फरार हो गया है। प्रमोद दुबे की शिकायत पर रायपुर पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था।

केस दर्ज होने के अगले दिन कालीचरण महाराज ने एक नया वीडियो जारी किया था। वीडियो में कहा था कि मैं एफआईआर से डरने वाला नहीं हूं। फांसी पर भी चढ़ा दिया जाएगा तो मैं अपनी बात पर अड़ा रहूंगा। कालीचरण महाराज ने कहा था कि मैं गांधी से नफरत करता हूं।

गौरतलब है कि इसे लेकर राजनीति भी खूब हुई थी। ओवैसी ने कहा था कि धर्म संसद का आयोजन कांग्रेस के बिना संभव ही नहीं था। धर्म संसद के मुख्य संरक्षक राम सुंदर छत्तीसगढ़ गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। उनके संरक्षण में ना सिर्फ़ गांधी जी को गाली दी गई बल्कि ये भी कहा गया कि इस्लाम का मक़सद राष्ट्र पर क़ब्ज़ा करना है।

ओवैसी ने लिखा था कि कालीचरण ने कहा कि सांसद, विधायक, मंत्री-प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो कट्टर हिंदुत्ववादी हो। लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा वोट देना चाहिए और ऐसा राजा चुनना चाहिए जो कट्टर हिंदुत्ववादी हो, चाहे राजनीतिक दल कोई भी हो। ओवैसी ने सवाल किया कि क्या राम सुंदर को ये बयान आपत्तिजनक नहीं लगा?

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