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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना की शुरू

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. सभी सियासी दल मतदाताओं को अपनी तरफ करने में जुटे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 28 लाख राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का तोहफा दिया है.

योगी सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना शुरू की है और इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल ने शनिवार को उत्तर प्रदेश शासकीय सेवक नियमावली 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

राज्य सरकार के इस फैसले से करी 28 लाख राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी. इसे योगी सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है. क्योंकि राज्य में चुनाव होने हैं और पिछले एक दशक से कर्मचारी कैशलेस इलाज की मांग कर रहे थे.

दरअसल में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव के तहत राज्य सरकार के कर्मचारियोंको निजी कंपनियों की तर्ज पर ही कैशलेस इलाज की सुविधा दी जानी थी.

लिहाजा अब राज्य सरकार ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है. अब तक राज्य में राज्य कर्मचारियों सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों या अधिकृत अनुबंधित अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकते थे.

लेकिन अब अब कर्मचारियों को राहत देने के लिए उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी. इसके तहत कर्मचारी को इलाज का बिल कैश में नहीं करना होगा और राज्य सरकार द्वारा कार्ड दिया जाएगा. जिसे अस्पताल में ले जाकर वह अपना इलाज करा सकेगा और इलाज का खर्च बीमा कंपनी देगी, जिसका राज्य सरकार के साथ करार होगा.

लिहाजा अब कर्मचारियों को भुगतान के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी. राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए मौजूदा व्यवस्था को भी बहाल रखा है. राज्य में कैशलेस इलाज की व्यवस्था लागू होने के बाद कर्मचारियों और उनके परिजनों के हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे.

वहीं राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत संबद्ध निजी अस्पतालों में सरकारी कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिजनों के आश्रितों को कैशलेस (5 लाख तक) इलाज की सुविधा दी जाएगी.

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