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उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ते मामलों को लेकर जेलों में कैदी और उनके संबंधियों से मुलाकात पर लगाई रोक

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में चिकित्सा इंतजामों की बेहतरी को लेकर काम तेज हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 3-4 जनवरी को सभी जिले में अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगी.

इस बीच सीएम योगी ने जेलों में कैदी और उनके संबंधियों से मुलाकात पर रोक लगाने और जरूरत के मुताबिक कंटेनमेंट जोन निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल बाराबंकी जेल में एक बंदी की कोविड पॉजिटिव होने के बाद मौत हो गई थी.

शनिवार को उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ कोविड के हालात की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2020 में जब प्रदेश में पहला कोविड केस आया था तब हमारे पास न टेस्टिंग फैसिलिटी थी न ही उपचार की.

आज हर जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट लैबोरेटरी एक्टिव हैं. हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट हैं और आइसोलेशन, आईसीयू बेड्स भी पर्याप्त संख्या में हैं. 550 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स हैं. कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई में उत्तर प्रदेश के प्रयास को वैश्विक सराहना मिली है,

आगे भी हम सभी के सहयोग से जीत हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में कोविड के ‘ओमिक्रोन’ वैरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस कमजोर है. ऐसे में मास्क, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत को समझना होगा.

समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, अमित मोहन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि बीते 24 घंटों में हुई 1 लाख 93 हजार 549 सैम्पल की जांच में कुल 383 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई.

इसी अवधि में 31 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए. वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 1211 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 859 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं. उन्होंने 3 जनवरी से शुरू हो रहे किशोरों के टीकाकरण की तैयारियों की भी जानकारी दी.

सीएम योगी ने दिए निर्देश…
1-पुलिस द्वारा लोगों को मास्क लगाने, भीड़ न लगाने तथा रात्रि 10 बजे के बाद घर जाने के लिए प्रेरित किया जाए.

2- रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू के नाम पर किसी के भी साथ दुर्व्यवहार न किया जाए. इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि लोगों में अनावश्यक पैनिक न हो.

3- प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित किए गए इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए. पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं.

4- आईसीसीसी हेल्पलाइन नंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं.

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