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पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से प्रसन्न होंगे हनुमान जी

वर्तमान में जो युग चल रहा है उसे कलयुग नाम दिया गया है. ऐसी मान्यता है कि कलयुग में देवी देवता वास नहीं करते हैं. लेकिन हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जिन्हें कलयुग के देवता के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है जो भक्त हनुमान जी की आराधना करता है,

उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है. हनुमान जी अपने भक्तों का हर संकट हर लेते हैं. हनुमान जी कलयुग में जागृत और साक्षात शक्ति है जिनके समक्ष कोई मायावी शक्ति नहीं ठहर पाती है. ऐसा माना जाता है कि जहां भी भगवान राम की पूजा होती है या फिर रामायण का पाठ होता है वहां पर भक्त हनुमान किसी न किसी रूप में अवश्य पहुंचते हैं.

रावण की लंका पर विजय पाकर जब भगवान श्री राम अयोध्या लौट रहे थे. तब उन्होंने उन लोगों को उपहार दिए जिन्होंने रावण के साथ युद्ध में उनका साथ दिया था. इसमें विभीषण, अंगद और सुग्रीव शामिल हैं. तभी हनुमान जी भगवान श्रीराम से याचना करते हैं कि
‘यावद् रामकथा वीर चरिष्यति महीतले। तावच्छरीरे वत्स्युन्तु प्राणामम न संशय:।।
अर्थात : ‘हे वीर श्रीराम! इस पृथ्वी पर जब तक रामकथा प्रचलित रहे, तब तक निस्संदेह मेरे प्राण इस शरीर में बसे रहें’

भगवान श्रीराम आशीर्वाद देते हुए कहते हैं
‘एवमेतत् कपिश्रेष्ठ भविता नात्र संशय:। चरिष्यति कथा यावदेषा लोके च मामिका तावत् ते भविता कीर्ति: शरीरे प्यवस्तथा। लोकाहि यावत्स्थास्यन्ति तावत् स्थास्यन्ति में कथा।।
‘अर्थात् : ‘हे कपि श्रेष्ठ, ऐसा ही होगा, इसमें संदेह नहीं है. इस संसार में जब तक मेरी कथा प्रचलित रहेगी, तब तक तुम्हारी कीर्ति अमिट रहेगी और तुम्हारे शरीर में प्राण भी रहेंगे ही. जब तक ये लोक बने रहेंगे, तब तक मेरी कथाएं भी स्थिर रहेंगी.

हनुमान जी की कृपा अपने ऊपर बनाए रखने के लिए, प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाना अत्यंत लाभकारी होता है. मंगलवार और शनिवार व्रत रख कर भी आप भगवान का आशीर्वाद पा सकते हैं.

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