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भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का करे पाठ

हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में एक है भगवान शंकर, सृष्टि के संहारक माने जाने वाले भगवान शंकर को प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद पाना उनके हर एक भक्त का उद्देश्य होता है. इसके लिए भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं.

भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में शिव चालीसा का उल्लेख मिलता है. शिव चालीसा को शिव पुराण से लिया गया है. शास्त्रों के अनुसार शिव चालीसा का पाठ भगवान शंकर को प्रसन्न करने का बहुत ही प्रभावशाली उपाय माना गया है.

मान्यता के अनुसार जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ शिव चालीसा का पाठ करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है, जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है. शिव चालीसा का पाठ करने के लिए कुछ विशेष नियम का पालन करना जरुरी होता है. आइए जानते हैं.

शिव चालीसा में चालीस पंक्तियां हैं जिनमें भगवान शंकर का स्तुतिगान है. वैसे तो आप भगवान शिव की स्तुति किसी भी दिन कर सकते हैं, लेकिन शास्त्रों में सोमवार को भगवान शंकर का दिन माना जाता है. इसलिए सोमवार के दिन यदि शिव चालीसा का पाठ किया जाए तो उसका फल जल्द प्राप्त होता है.

सोमवार को प्रातः ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ स्वच्छ वस्त्र धारण कर शिव लिंग के सामने शुद्ध घी का दीपक लगाएं.
इसके बाद भगवान शंकर को चावल, कलावा ,सफेद चन्दन, धूप-दीप, पीले फूल की माला और 11 आक के फूल अर्पित करें.
प्रसाद के रूप में मिश्री का भोग लगाएं. इसके बाद बेलपत्र को उल्टा करके शिवलिंग पर अर्पित करें और ध्यान रहे कि पूजा करते वक्त आपका मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में हो.एक दिन में शिव चालीसा का 11 बार पाठ करना चाहिए और लगातार 40 दिन तक शिव चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

ऐसी मान्यता है कि शिव चालीसा का पाठ करने से कई तरह के फायदे मिलते हैं. जिनमें गर्भवती महिलाओं को बहुत लाभ मिलता है. शिव चालीसा का पाठ करने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे की रक्षा होती है.

ऐसा भी माना जाता है कि जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या बानी रहती है वे यदि शिव चालीसा का पाठ करें या सुनें तो उन्हें रोगों से मुक्ति मिलती है. शिव चालीसा का पाठ करने से नशे की लत और तनाव से छुटकारा मिलता है.

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