हथियार तस्करी का बीएसएफ कनेक्शन, एनआईए की पूछताछ में तस्करों ने उगले कई राज
हथियार तस्करों के तार झारखंड के साथ-साथ बिहार के भी कई अपराधी गिरोहों से जुड़े हैं। इस देश विरोधी कारोबार में बीएसएफ जवानों की भूमिका उजागर हो गयी है। अपराधी गिरोहों के अलावा बिहार और झारखंड के उग्रवादी संगठनों को भी नियमित रूप से हथियार की सप्लाई हो रही थी। एनआईए की पूछताछ में हथियार तस्करों ने कई राज उगले हैं। एनआईए हथियार तस्करी के आरोप में गिरफ्तार गिरोह के सदस्यों को रिमांड पर लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। रिमांड पूरा होने के बाद इन हथियार तस्करों को मंगलवार को जेल भेजा जाएगा। एनआईए ने 18 जनवरी को हथियार तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ऋषि कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह, सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त हवलदार अरुण कुमार सिंह और बीएसएफ के फिरोजपुर कैंप में रहे कोत प्रभारी कार्तिक बेहरा को रिमांड पर लिया था। पूछताछ में हथियार तस्करों ने स्वीकार किया है कि कोल्हान व चाईबासा के इलाके में भाकपा माओवादी के पतिराम मांझी के दस्ते को उनके द्वारा हथियारों की सप्लाई की जाती थी। उन्होंने एनआईए को जानकारी दी है कि ठेकेदार संजय सिंह समेत कुछ अन्य ठेकेदार माओवादियों को सारे जरूरी सामान पहुंचाते थे। मात्र यही नहीं लेवी की राशि भी जमा कर नक्सली संगठनों तक पहुंचायी जाती थी। तस्करों से मिलने वाले कारतूस व हथियारों की डिलिवरी भी माओवादियों को ठेकेदार ही किया करते थे। गौरतलब है कि हथियार तस्करी के इस पूरे मामले का खुलासा बीते साल नवंबर में झारखंड पुलिस की एटीएस ने किया था। एटीएस ने इस मामले में सारे आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन हथियार तस्करों के तार पारा मिलिट्री व दूसरे राज्यों के अपराधी गिरोहों से जुडऩे के बाद एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया और जांच शुरू की। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। गिरफ्तार कार्तिक बेहरा ने हथियारों की तस्करी में बीएसएफ के कुछ अन्य जवानों की भूमिका के विषय में भी जानकारी दी है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि बीते छह-सात सालों से वह अपराधियों और उग्रवादियों को हथियार व कारतूस की सप्लायी करता था। पूछातछ में उसने कहा है कि अबतक वह पांच से सात हजारकारतूस बेच चुका है। वहीं, गिरफ्तार हथियार तस्करों ने बताया है कि रांची के अमन साव गिरोह के अलावा बिहार व झारखंड के भी कई बड़े आपराधिक गिरोहों को हथियार की सप्लायी की जाती थी।