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लोकपाल मनरेगा संबंधी कामों में भ्रष्टाचार की सुनवाई करेंगे, पंचायतों से जुड़ी 21 तरह की कमियों पर इनकी सीधी नजर होगी

भोपाल, राज्य सरकार द्वारा अब प्रदेश की हर जिला पंचायत में लोकपाल की तैनाती करने जा रही है। ये लोकपाल मनरेगा लोकपाल कहलाएगी और पंचायतों से जुड़ी 22 तरह की कमियों पर इनकी सीधी नजर रहेगी। राज्य सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत पूर्व में बने नियमों को समाप्त करते हुए नए नियम बनाना प्रस्तावित किया है। इन नियमों पर दावे-आपत्तियों के निराकरण करते हुए एक माह बाद इन्हें पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में औसत व्यय से कम व्यय वाले जिलों को एक ही लोकपाल रखने के लिए एक साथ जोड़ा जा सकेगा। लोकपाल का चयन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की नुशंसा पर राज्य सरकार करेगी। लोकपाल को शुल्क के रूप में प्रति बैठक एक हजार रुपए दिए जाएंगे। प्रति माह अधिकतम 20 हजार रुपए दिए जाएंगे। लोकपाल के कार्य असंतोषजनक पाए जाने पर चयन समिति को उसे पद से हटाने का अधिकार भी होगा। इस योजना के तहत जो लोकपाल बनाए जाएंगे, वे 22 तरह के विषयों से जुड़ी शिकायतों पर नजर रखेंगे। लोकपाल को किसी एक या अधिक विषयों से संबंधित योजना के क्रियान्वयन में कमी बताने वाली शिकायतें प्रस्तुत की जा सकेंगी। ग्राम सभा, परिवारों का पंजीकरण और जॉब कार्ड जारी किए जाने, जॉब कार्ड की अभिरक्षा, कार्य की मांग, कार्य के लिए प्रस्तुत आवेदन के विरुद्ध तारीख युक्त मंजूरी जारी करने, मजदूरी के भुगतान, बेरोजगारी भत्ते के भुगतान, लिंग के आधार पर भेदभाव, कार्यस्थल पर सुविधाएं, कार्य की माप, कार्य की गुणवत्ता, मशीनों का उपयोग, ठेकेदारों से काम लेना, बैंक या डाकघरों में खातों का संचालन, शिकायतों का पंजीयन और निपटारा, मस्टर रोल का सत्यापन, दस्तावेजों का निरीक्षण, निधियों का उपयोग, निधियों का जारी किया जाना, सोशल ऑडिट, अभिलेखों का संधारण और अधिनियम में मिले आश्वासन से किसी पात्रता से वंचित रखे जाने जैसे विषयों पर लोकपाल नजर रखेंगे और इनसे जुड़ी शिकायतों को सुनेंगे और उनका समाधान करने निर्णय ले सकेंगे। इस तरह निपटेंगेी शिकायतें – कोई व्यक्ति जिसे स्कीम प्राधिकारी या कामगार के विरुद्ध कोई शिकायत हो, स्वयं या अपने प्राधिकृत सक्षम प्रतिनिधि के माध्यम से स्कीम प्राधिकारी या कामगार के विरुद्ध लोकपाल को शिकायत कर सकेगा। न्यायालय में अपील, पुनरीक्षण निर्देश अथवा रिट की कार्यवाही की विषय वस्तु से जुड़े मुद्दे पर शिकायत नहीं की जाएगी। लोकपाल शिकायत को समुचित मनरेगा प्राधिकरण को सात दिन के भीतर निपटारा करने के लिए कहेगा। शिकायत का निपटारा करने में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी प्राधिकरण के असफल रहने की स्थिति में मामला निपटारे के लिए लोकपाल के हाथ में लिया जा सकेगा। लोकपाल शिकायत की एक प्रति के साथ शिकायत प्राप्ति की एक सूचना मनरेगा प्राधिकरण को भिजवाएगा, जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। यदि किसी मामले में पक्षकारों द्वारा उसके समक्ष रखी गई साक्ष्य, सामाजिक अंकेक्षण की रिपोर्ट, मनरेगा अधिनियम तथा योजना और राज्य सरकार अथवा केनद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी प्रक्रिया, निर्देशों से मार्गदर्शन ले सकेगा। लोकपाल किसी विशेषज्ञ से मामले में रिपोर्ट भी प्राप्त कर सकेगा। सही स्थिति का पता करने के लिए लोकपाल आकस्मिक निरीक्षण भी कर सकेगा। मिथ्या, द्वेषपूर्ण और तंग करने वाली शिकायतों को लोकपाल खारिज भी कर सकेगा। शिकायतकर्ता विरोधी पक्षकार से ऐसे खर्च की वसूली भी की जा सकेगी, जो लोकपाल उचित समझे। लोकपाल के फैसलों के खिलाफ अपील प्राधिकरण में सुनर्वा की जा सकेगी। इस प्राधिकरण में तीन सदस्य होंगे। इनमेें शिक्षाविद्, सेवानिवृत्त लोक सेवक और एक सिविल सोसाइटी का प्रतिनिधि होगा।  

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