सावरकर की श्रद्धांजलि सभा में युद्ध रोकने के लिए प्रार्थना
महोबा। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी वीर सावरकर की 56वीं पुण्यतिथि पर आज बुंदेलों ने गोरखगिरि के ऊपर स्थित सिद्ध बाबा आश्रम में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की एवं उनको अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। साथ ही रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग को रोकने के लिए सिद्ध बाबा से प्रार्थना की ताकि निर्दोष लोगों को युद्ध की भीषण तबाही न झेलनी पड़े। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग फिर उठाई एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ट्वीट कर यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की।हिन्दू राष्ट्रवाद के प्रणेता वीर सावरकर की कुर्बानियों को नजरअंदाज करने के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लगातार हुई उपेक्षा से आहत होकर ही वीर सावरकर ने 1966 में भोजन-पानी और दवाएं त्याग दी और 82 वर्ष की आयु में मुंबई में इच्छा मृत्यु को गले लगा लिया। उन पर महात्मा गांधी की हत्या षड़यंत्र में शामिल होने का आरोप भी लगाया गया लेकिन अदालत ने उनको बरी कर दिया। वीर सावरकर का असली नाम विनायक दामोदर सावरकर था लेकिन अदम्य साहस और कुर्बानियों के कारण उनको “वीर“ की उपाधि प्रदान की गई। ऋषि सिंह ने अपनी अंडमान यात्रा का जिक्र करते हुए उस सैलुलर जेल के बारे में बताया जहां वीर सावरकर को कठोर यातनाएं दी गयीं। इस मौके पर दिनेश खरे, अवधेश गुप्ता, प्रहलाद पुरवार, सुधीर दुबे, ग्यासी लाल, सुरेश बुंदेलखंडी, पवित्र पाटकार व कुलदीप गुप्ता आदि भी मौजूद रहे।